यज्ञ मंडप की परिक्रमा से पूर्ण होती हैं मनोकामनाएं – जनार्दनाचार्य

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बिक्रमगंज/रोहतास:- काराकाट प्रखंड के ग्राम पंचायत मुंजी निज ग्राम में चल रहे 9 दिवसीय श्री रुद्र महायज्ञ सह शिव-प्राण प्रतिष्ठा महा-महोत्सव के पावन अवसर पर मां भगवती धाम , भूतभावन बाबा भोलेनाथ व विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती मंदिर के पावनधाम में पधारे भारत के महान मनीषी संत श्री श्री 1008 श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के कृपा-पात्र शिष्य श्री जनार्दनाचार्य जी महाराज के सान्निध्य में आयोजित श्रीरूद्र महायज्ञ क्षेत्रीय श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केन्द्र बना हुआ है । मंगलवार को यज्ञ मंडप की परिक्रमा सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने के लिए उमड़ा जनसैलाब इस तथ्य की प्रमाणिकता को सिद्ध कर रहा था । हालांकि इस धार्मिक कार्य में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की सहभागिता काफी अधिक रही । यज्ञस्थल पर श्रद्धा एवं विश्वास के साथ पूजा-अर्चना कर श्रद्धालु परमानंद की अनुभूति प्राप्त करते नजर आए । आज के लिए निर्धारित कर्मो को सम्पन्न कराया गया । यज्ञ मंडप में वैदिकों के मंत्रोच्चारण से वायुमंडल गुंजायमान हो रहा है । इस दौरान भगवान शंकर के जयघोष एवं हर-हर महादेव से पूरा इलाका गुंजायमान होता रहा । इस अवसर पर महाराज जनार्दनाचार्य जी ने भक्तों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यज्ञ मंडप की परिक्रमा से पूर्ण होती हैं मनोकामनाएं । उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक दृष्टिकोण से यज्ञ मंडप परिक्रमा का विशेष महत्व है । इस धार्मिक कृत्य में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को न सिर्फ अभिष्ट फल की प्राप्ति होती है । बल्कि वह सद्गति को भी प्राप्त होते हैं । उन्होंने बताया कि सामाजिक स्तर पर भी यह आम धारणा है कि यज्ञ मंडप की परिक्रमा मात्र से ही प्राणी त्रैविध तापों से मुक्त हो जाता है । इस दौरान श्रद्धालुओं में काफी उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है । उन्होंनेे बताया कि महायज्ञ सर्व कल्याण के लिए होता है । अन्न से समस्त प्राणियों का कल्याण होता है । बारिश से अन्न उत्पत्ति होता है , यज्ञ में हवन-पूजन होता है । हवनादि से बादल का निर्माण होता है, और बादल से वृष्टि होती है । इसलिए यज्ञ सर्व जीव कल्याण के लिए होता है । इस अवसर पर भक्तों को प्रसाद वितरीत किया गया । यज्ञाचार्य ने बताया कि 4 मार्च तक यह श्री रूद्र महायज्ञ चलेगा ।

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