श्रीठाकुर जी करते है सबकी मनोकामनाएं पूरी : श्रीनारायणा स्वामी जी महाराज
300 वर्षों पूर्व से ही श्रीठाकुर जी का रहा एक अपना अनूठा इतिहास,देश के कोने – कोने से श्रीठाकुर जी से मन्नत मांगने आते है सैकड़ों श्रद्धालु
बिक्रमगंज/रोहतास (संवाददाता ):– रोहतास जिला अंतर्गत काराकाट प्रखंड क्षेत्र के घरवासडीह मठ के श्रीठाकुर जी का एक अपना अलग अनूठा इतिहास रहा है । आपको बताते चलें कि यह मठ एक गौरवशाली मठ के रूप में आज भी विद्यमान है । यह मठ लगभग 300 वर्ष पुराना है । इसकी जानकारी देते हुए इस मठ के मठाधीश्वर श्री श्री 1008 श्री नारायणा स्वामी जी महाराज ने कहा कि यह मठ बिहार ही नही बल्कि पूरे भारतवर्ष का एक अनूठा गौरवशाली मठ है । यहां पर देश के कोने-कोने से जो भी श्रद्धालु सच्चे भक्तिभाव को लेकर एवं श्रद्धा के साथ कोई भी श्रद्धालु श्रीठाकुर जी से दर्शन करने हेतु आते है । श्रीठाकुर जी उन सभी श्रद्धालुओं की मन्नत पूरी करते है । इस मठ में जो भी श्रद्धालु निराश मन से आते है , यहां से सभी श्रद्धालु श्रीठाकुर जी के आशीर्वचन से हंसते हुए जाते है । श्री महाराज ने कहा कि यहां पर जो भी श्रद्धालु अनाथ होकर आये है यहां से सनाथ होकर ही लौटे है । यहां पर अनाथ व अन्य इच्छुक छात्रों को निःशुल्क कर्मकांड की शिक्षा दी जाती है । इस मठ से शिक्षा ग्रहण कर सैकड़ों विद्यार्थी बड़े – बड़े यूनिवर्सिटी में सर्वश्रेष्ठ स्थान पर पदस्थापित है । उन्होंने कहा कि जैसे काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी सहित अन्य महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में इस मठ के अनेकों छात्र उच्चे पद पर पदस्थापित है । साथ ही साथ अन्यंत्र क्षेत्रों में विद्यालयों व महाविद्यालयों में प्राचार्य के पद पर भी आसीन है । यह एक गौरवशाली मठ के रूप में जाना जाता है । उन्होंने कहा कि इस मठ में फल-फूल के लिए विशेष पुष्पवाटिका , एक पुष्करिणी विद्यमान है । साथ ही साथ इस मठ में गौशाला भी है , जिसमें गौ माता की सेवा भक्तजनों के द्वारा निरंतर की जाती है । उन्होंने कहा कि इस मठ में प्रतिवर्ष कार्तिक व चैत्र के छठ महापर्व के दिन हजारों – हजार की संख्या में व्रती की भीड़ लगती है । साथ ही साथ चैत्र मास में शुक्ल पक्ष के दशमी तिथि से लेकर पूर्णिमा तक महायज्ञ प्रतिवर्ष की जाती है । जिसमें आसपास के लोग शामिल होकर महायज्ञ की शोभा को बढ़ाते है ।