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दावथ (एस एन बी):- रेशम का डोर भइया, मेरे राखी का मतलब है प्यार भइया,,, जैसे चंदा और किरण का जैसे बद्री और पवन का ये राखी बंधन है ऐसा,,,,,,,,,,मेरे बहना ये राखी का लाज तेरा भईया निभायेगा,तुझे दिल से कभी न भुलायेगा,,,,,,,यह विभिन्न हिंदी फिल्मों के गीत शहर से लेकर गांव गलियों में गुजंती हैं। तब हर भाई की आंखों में आंसू छलक आता है और खुशियों से झूम उठता है।यह प्रत्येक वर्ष सावन पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन का त्यौहार आता है। भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक यह पर्व दावथ प्रखंड के बभनौल, मालियाबाग, कोआथ उसरी चवरी सहित कई जगहों पर हर्षोल्लास के साथ बहनों व भाईयों ने मनाया। वैसे तो रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के प्यार और समर्पण का प्रतीक है। रक्षाबंधन पर बहन अपने भाई की लंबी आयु और बेहतर स्वास्थ्य के लिए उसकी कलाई पर रक्षासूत्र बांधती है तथा यह कामना करती हैं कि उसके भाई के जीवन में कभी कोई कष्ट न हो, वह उन्नति करें और उसका जीवन सुखमय हो।वहीं भाई भी इस रक्षा सूत्र को बंधवाकर गौरवांवित अनुभव करते हैं और जीवन भर अपनी बहन की रक्षा करने की कसम खाते है।

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