लोकप्रिय गायिका वंदना मिश्रा समेत प्रदेश भर से आए कलाकारों ने दी प्रस्तुतियां, अवध के संस्कार गीतों से सजी शाम

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लखनऊ:  श्रावणी माह के पर्वों का रंग इन लोक संगीत की प्रस्तुतियों में चोखा दिखा। किसी लोकगीत में रक्षाबंधन पर भाई के आने का उल्लास दिखा, तो किसी में सावन की घनघोर बदरिया छाने की उमंग। लोकप्रिय लोक गायिका वंदना मिश्रा ने समारोह की शुरुआत देशभक्ति और सावन से सराबोर रचनाएं सुनायी। बुधवार को यह कार्याक्रम लोक गायिका वंदना मिश्रा के संयोजन में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के ऑडिटोरियम में किया गया।

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संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से वाईब्रेंट फोक आर्ट एंड कल्चरल सोसाइटी की ओर से अवध के संस्कार गीतों से सजी शाम का आयोजन हुआ। वरिष्ठ गायिका पद्मा गिडवानी ने,मोरे भईया आइले, और वरिष्ठ गायिका विमल पंत ने ,आयो सावन विनय करूं सजना, सुनाया। विजय लक्ष्मी के बाद सरला गुप्ता ने ,बादरा धरती से करे ठिठोली सवनवा मां खेले है होली, गीता शुक्ला ने ,एक दिन अउते पिया अपनी ससुराल, और प्रीति लाल ने ,अरे रामा सावन मा घनघोर बदरिया छाई रे हरि, गीत सुनाया। बाल कलाकार स्वरा त्रिपाठी का नृत्य अन्य आकर्षण बना। इस आयोजन में कानपुर से आईं कविता गुप्ता, बाराबंकी की निष्ठा शर्मा, बलरामपुर की माधवी तिवारी सहित अन्य ने भी गीत सुनाया।

इस अवसर पर आमंत्रित अतिथियों में जल निगम के एमडी ज्ञानेन्द्र सिंह, इस्कॉन लखनॅऊ के प्रतिनिधि आदित्य नारायण दास, राजस्व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आरपी अवस्थी, पूर्व एमएलए देवमहर्षि द्विवेदी, पूर्व पीसीएस अधिकारी ओम प्रकाश पाठक, बाल आयोग की वरिष्ठ सदस्या सुचिता चतुर्वेदी, वरिष्ठ संगीतकार केवल कुमार, वरिष्ठ गायिका कमला श्रवास्तव, उत्तर प्रदेश क्षेत्र की प्रचारिका शशि सहित अन्य शामिल रहे।

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