भगवान श्री कृष्ण का साक्षात दर्शन है भागवत,परमात्मा को केवल श्रद्धा और भक्ति से पाया जा सकता है- आराधना शास्त्री

0
Advertisements

दावथ / रोहतास (चारो धाम मिश्रा):-दावथ प्रखंड के बिठवा में चल रही रूद्र महायज्ञ सह शिव प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ के दौरान श्रीमद् भागवत कथा में अयोध्या से आई आराधना शास्त्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रत्येक रूप मनोहारी है। उनका बालस्वरूप तो इतना मनमोहक है कि वह बचपन का एक आदर्श बन गया है। इसीलिए जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के इसी रूप की पूजा-अर्चना की जाती है, जिसमें वे चुराकर माखन खाते हैं, गोपियों की मटकी तोड़ते हैं और खेल-खेल में असुरों का सफाया भी कर देते हैं। इसी प्रकार उनकी रासलीला, गोपियों के प्रति प्रेम वाला स्वरूप भी मनमोहक है। अपनी लीलाओं में वे माखनचोर हैं, अर्जुन के भ्रांति-विदारक हैं। गरीब सुदामा के परम मित्र हैं, द्रौपदी के रक्षक हैं, राधाजी के प्राणप्रिय हैं, इंद्र का मान भंग करने वाले गोवर्धनधारी है। उनके सभी रूप और उनके सभी कार्य उनकी लीलाएं हैं। उनकी लीलाएं इतनी बहुआयामी हैं कि उन्हें सनातन ग्रंथों में लीला पुरुषोत्तम कहा गया है। श्रीकृष्ण ने गौवर्धन की पूजा करके इंद्र का मान मर्दन किया। श्रीमद् भागवत कथा साक्षात भगवान श्रीकृष्ण का दर्शन है। यह कथा भवसागर से पार लगाती हैं। परमात्मा को केवल भक्ति और श्रद्धा से पाया जा सकता है। इस मौके पर हजारों की संख्या में महिला एवं पुरुष श्रद्धालु उपस्थित रहे। वहीं मंच का संचालन हरिहर राय ने किया।

Advertisements
Advertisements

Thanks for your Feedback!

You may have missed