तूल पकड़ने लगा एसएचओ एवं एसआई के बीच का मामला, एएसपी नवजोत सिमी ने की जांच, एसआई ने थानाध्यक्ष पर हत्या एवं षड्यंत्र के तहत फंसाने का लगाया है गंभीर आरोप
सासाराम: स्थानीय नगर थाना के थानाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा एवं दारोगा सह मालखाना प्रभारी गौतम कुमार के बीच उत्पन्न विवाद अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूरे मामले में गुरुवार को भी नगर थाना परिसर में काफी देर तक हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। इस दौरान दरोगा गौतम कुमार नगर थाना प्रभारी संजय कुमार सिन्हा पर लगातार खुद को षड्यंत्र के तहत फंसाने का आरोप लगाते हुए परिसर में ही वीडियो बनाकर वायरल करते रहे तथा अपने वरीय पदाधिकारियों से भी इस मामले में संज्ञान लेने की गुजारिश की। हालांकि गुरुवार को इस मामले में एक नया अध्याय जुड़ गया। मालखाना प्रभारी गौतम कुमार ने थानाध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिना उनकी जानकारी के एक जप्त ट्रैक्टर को दलालों के साथ सांठगांठ कर छोड़ दिया गया तथा थाने की स्टेशन डायरी में लीपापोती की जा रही है। जिससे मुझे बुरी तरह फसाया जा सके। इस दौरान मामले की सूचना पाकर एसडीपीओ संतोष कुमार भी नगर थाना पहुंचे लेकिन उन्होंने मीडिया को कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।
बता दें कि थानाध्यक्ष एवं दरोगा के बीच उत्पन्न विवाद न्यायालय तक जा पहुंचा है। मामले में दारोगा गौतम कुमार ने सीजीएम शक्तिधर भारती की अदालत में नगर थानाध्यक्ष एवं दरोगा ललितेश कुमार सिन्हा पर सनहा दर्ज कराया है। जिसके माध्यम से उन्होंने कहा है कि वे नगर थाने में मालाखाना प्रभारी के पद पर पदास्थापित हैं। सब जज स्मिता गौरव की अदालत में 8 दिसंबर को प्रस्तुत करने के लिए जप्त प्रदर्श को थाने की टेबल पर रखा था। इसी बीच उन्हें वाहन खोजने के लिए भेज दिया गया। जब वापस लौटे तो जब्त प्रदर्श गायब था। काफी खोजबीन के बाद दारोगा ललितेश कुमार सिंह से पूछा तो उन्होंने जानकारी से मना कर दिया। वहीं दूसरे दिन नौ दिसंबर को जब मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए थानाध्यक्ष से निवेदन किया तो उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
इसके बाद जब्त प्रदर्श थानाध्यक्ष के चैम्बर से ही पाया गया। उन्होंने थानाध्यक्ष पर हत्या एवं षड्यंत्र के तहत फंसाकर निलंबित कराने का भी आरोप लगाया है। हालांकि मामले को तूल पकड़ता देख एसपी के निर्देश पर डेहरी एएसपी नवजोत सिमी भी नगर थाने पहुंची। जहां उन्होंन थाने के पदाधिकारियों के साथ बैठकर काफी देर तक मामले की जांच की। लेकिन इस जांच के संदर्भ में जब पत्रकारों ने उनसे कुछ जानना चाहा तो वो भी बिना बताए हीं निकल पड़ी। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस पूरे प्रकरण में एसपी आशीष भारती थानाध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारियों पर क्या कार्रवाई करते हैं।