मरीजों को मुंह चिढ़ा रही अनुमंडलीय रेफरल अस्पताल की भव्यता,झेल रहा दवाई की अनुपलब्धता,अर्थलोपता के शिकार चिकित्सक बगैर आए ही बना रहे हाजरी
विक्रमगंज (उदय कुमार सिंह):- कहने के लिए धनगाई मे अनुमंडलीय रेफरल अस्पताल है।इस अस्पताल कि भव्यता बाहर व अंदर से जितनी लोगो को अपनी ओर आकर्षित व प्रभावित करती है उतनी ही यहां की कुव्यव्यस्था मरीजों को मुंह चिढ़ाती है।अस्पताल कि साफाफाई कि जिम्मेवारी अस्पताल प्रबन्धक ने एक एनजीओ को सौंप रखा है।हालांकि अस्पताल में कदम रखने पर कुछ हद तक साफ सफाई अवश्य देखने को मिल जायेगा।लेकिन यह अस्पताल जीवन रक्षक दवाइयों कि अनुपलब्धता महीनो से झेल रहा है।कहने के लिए तो इस अस्पताल में आधा दर्जन से अधिक महिला व पुरुष चिकित्सक है।जबकि नर्स, कम्पाउडर आदि कर्मचारियों कि संख्या दर्जनों में है।जिन पर स्वास्थ्य विभाग महीने में वेतन के नाम पर लाखो रुपया खर्च करती है।इस प्रकार अस्पताल के अंदर लगे कई छोटे बड़े उपकरणों की रखरखाव मे भी प्रति माह हजारों लाखो रुपया खर्च दिखाया जाता रहा है।वावजूद क्या यह मरीजों को सार्थक साबित हो रहा है।अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित अस्पताल के अंदर तीन बोर्ड लगे है।दो बोर्ड पर चिकित्सको व कर्मचारियों कि लंबी फेरिस्त कि सूची है तो तीसरे पर करीब 55 दवाईयो की लंबी लिस्ट चिपकाया गया है।लेकिन चिकित्सको की लिस्ट में आंख,कान व नाक के चिकित्सक नहीं होने की बात कही जा रही है। आरोप है कि इनमें छह सात दवाइयां ही अस्पताल में उपलब्ध है।वह भी इलाज कराने पहुचनें वाले मरीजों को दवा नहीं है कि अनुपलब्धता बताकर चलता कर देते है।जबकि अधिकांश दवाई गायब है।बताया जाता है कि पदस्थापित चिकित्सक नामी गीनामी कम्पनियों कि दवाई छोड़ कमीशन युक्त दवाइयां मरीजों को बाहर से लेने के लिए लिखते है।आरोप यह भी है कि कुछ चिकित्सक समय से अस्पताल नहीं पहुंचते है।जबकि कुछ चिकित्सक सप्ताह में एक या दो दिन ही यहां दस्तक देते है।लेकिन प्रभारी के मेहरबानी से उनका पूरे सप्ताह का हाजरी बना दिया जाता है।इसी प्रकार यह भी आरोप है कि चिकित्सा प्रभारी छात्रों सहित अन्य मरीजों से मोटी रकम लेकर प्रमाण पत्र या अन्य कागजात पर दस्तक कर अनुशंसा करते है।हालांकि यह जांच का विषय है और जांचोपरांत ही स्पष्ट हो पायेगा।फिलहाल अस्पताल प्रबन्धक एवं प्रभारी की उदासीनता लापरवाही व अर्थलोलूपता के वजह से दवा की अनुपलब्धता झेल रहे अनुमंडलीय रेफरल अस्पताल धनगाई विक्रमगंज मे मरीज बगैर दवा के ही बैरंग वापस लौट रहे है।