37 हजार STET उत्तीर्ण शिक्षक अभ्यर्थियों की बहाली जल्द पूरी हो: डॉ. अखिलेश कुमार

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युवा हल्ला बोल, पटना

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बिहार : देश में युवाओं की सबसे बड़ी टोली ‘युवा हल्ला बोल’ ने बिहार के माध्यमिक शिक्षकों की बदहाली का मुद्दा मजबूती से उठाया है। ‘युवा हल्ला बोल’ की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य डॉ. अखिलेश कुमार ने बिहार सरकार से मांग किया है कि STET 2019 उत्तीर्ण शिक्षकों की जल्द नियुक्ति करके 37 हजार बहाली को पूरा किया जाए। हर बहाली को किसी न किसी बहाने लटकाना इस सरकार का चरित्र हो गया है। लेकिन बेरोज़गार युवा अब अपने अधिकार के लिए ‘युवा हल्ला बोल’ संस्थापक अनुपम के नेतृत्व में एकजुट हो रहे हैं।

बेरोज़गारी की समस्या के कारण आज लाखों युवा त्राहिमाम हैं, भारी संख्या में सरकारी पद रिक्त पड़े हैं। लेकिन राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में ये मुद्दा कहीं दिखता नहीं। न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार युवाओं की सुध ले रहे हैं। बिहार में 94000 प्राथमिक शिक्षकों और लगभग 37000 हजार माध्यमिक/उच्च माध्यमिक शिक्षकों की बहाली बहुत लंबे समय से लंबित है जिस वजह से लगभग डेढ़ लाख अभ्यर्थी तथा उसके परिवार वाले मानसिक प्रताड़ना व अवसाद से गुजर रहे हैं। पिछले कई महीनों से ये सभी अभ्यर्थी लगातार संघर्ष और आंदोलन कर रहे हैं। प्रारंभ से ही युवा नेता गोविंद मिश्रा के समन्वय में ‘युवा हल्ला बोल’ की पूरी टीम हर कदम पर पीड़ितों के साथ खड़ी रही है और पूरी ताकत से अन्याय के खिलाफ आवाज़ बुलंद करती रही है।

ज्ञात हो कि ‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने बेरोज़गारी के मुद्दे को राष्ट्रीय बहस बनाने में एक अहम भूमिका निभायी है। हर तरह के अन्याय के ख़िलाफ़ पूरी मुखरता और बुलंदी से आवाज़ उठाया है। इन्हीं आंदोलनों का नतीजा रहा है कि कई राज्य सरकारों ने बहाली को लेकर थोड़ी बहुत सुगबुगाहट भी दिखाई है। अपनी मजबूत संगठन और सक्रियता के बल पर ‘युवा हल्ला बोल’ लॉकडाउन के दौरान भी सोशल मीडिया कैंपेन के बल पर सरकार पर दबाव बनाने में सफल रही है। इनकी प्रतिबद्धता है कि जब तक शिक्षकों की बहाली नहीं हो जाती यह आंदोलन जारी रहेगा और ‘युवा हल्ला बोल’ की टीम अंतिम तक साथ खड़ी रहेगी।

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बेरोज़गार युवाओं के इन मुहिमों के बाद भी अगर सरकार उचित कार्यवाही नहीं करती है तो देश में बेरोज़गारी के मुद्दे पर सबसे मजबूत आवाज़ युवा नेता अनुपम स्वयं राजधानी पटना आकर महापंचायत का आयोजन करेंगे।

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