इस्लामिक स्टेट जैसी भाषा…बदमाशों ने क्यों किया रूसी मेल सर्विस का इस्तेमाल…

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लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क:-ऐसा प्रतीत होता है कि ईमेल भेजने वालों ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) की प्रचार सामग्री द्वारा इस्तेमाल की गई शैली की नकल की है. उदाहरण के तौर पर, ईमेल के यूजर का नाम ‘Sawariim’ है, जो ‘al-Sawarim’ शब्द का विरूपण है, जिसका अरबी में अनुवाद ‘The Swords’ होता है. व्यापक संदर्भ में समझें तो यह शब्द जिहादी प्रोपेगेंडा से जुड़ा है.

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दिल्ली-एनसीआर के लगभग 100 स्कूलों को भेजे गए बम अफवाह वाले ईमेल के अपराधियों ने एक रूसी ईमेल सर्विस का इस्तेमाल किया था. यह सर्विस यूजर्स को गुमनाम रहने और अवैध गतिविधियों को छिपाने में मदद करती है.

इंडिया टुडे की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) टीम ने एक स्कूल को भेजे गए ईमेल का प्रारंभिक फोरेंसिक विश्लेषण किया. इससे पता चला कि ईमेल भेजने वाले ने संभवत: रूसी ईमेल सर्विस mail.ru को कोई व्यक्तिगत जानकारी नहीं दी थी. इस सर्विस का स्वामित्व सोशल मीडिया और नेटवर्किंग साइट VK या VKontakte के पास है.

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टेंपरेरी ईमेल एड्रेस का इस्तेमाल

सेंडर savariim@mail.ru ने टेम्पेल नामक एक फ्री ईमेल सर्विस का इस्तेमाल किया जो टेंपरेरी ईमेल एड्रेस प्रदान करती है ‘जो 1 घंटे के बाद खत्म हो जाते हैं’. अपनी वेबसाइट पर, टेम्पेल का दावा है कि उसकी टेंपरेरी आईडी का इस्तेमाल वेबसाइटों और फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर साइन अप करने के लिए किया जा सकता है. इनका इस्तेमाल ईमेल भेजने और प्राप्त करने के लिए भी किया जा सकता है.

 

 

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