विश्व माहवारी स्वच्छ्ता दिवस पर इट्स वीमेंस प्राइड 4.0 ऑनलाइन आयोजित, कोरोना काल के दौरान माहवारी स्वास्थ्य एवं चुनौतियों पर हुई विस्तार से चर्चा

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 जमशेदपुर : विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस के मौके पर सामाजिक संस्था निश्चय फाउंडेशन के द्वारा इट्स वीमेंस प्राइड 4.0 कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाइन किया गया। कार्यक्रम के दौरान कोरोना काल के दौरान माहवारी स्वच्छता एवं चुनौतियां विषय पर विस्तार से चर्चा आयोजित की गयी। चर्चा के दौरान गांव के बच्चियों, देश भर के अलग अलग शहरों में माहवारी स्वच्छता के मुद्दों को बढ़ावा देने वाले पैडह्यूमन्स, रूरल डेवलपमेंट एवं मास कम्युनिकेशन के छात्र-छात्राये, सामाजिक कार्यकर्ता एवं अन्य ने चर्चा की।

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कोरोना काल के अनुभवों के बारे में बताते हुए पटमदा की वृष्टि हलधर ने बताया कि पिछले एक साल से हम बच्चे घरों पर है, इस दौरान कई परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है, माहवारी से जुड़ी समस्याये भी है, लॉकडाउन की शुरुआत में सैनिटरी पैड्स मिलने में काफी परेशानी होती थी। लेकिन तरुण भैया की वजह से गांव की बच्चियों को बहुत मदद मिली। शंकोसाई की पूजा महतो ने बताया कि माहवारी के प्रति उसकी जागरूकता ने उसके आसपास के लोगों में भी जागरूकता आई है। लक्ष्मी मुंडा ने गांव की सहेलियो की बात करते हुए बताया कि कोरोना काल का समय हम सभी के लिए बेहद चुनौती भरा रहा। घरों में आर्थिक समस्याये भी थी। कई बच्चों ने अपने अनुभव विस्तार से साझा किए।

शिक्षिका प्रियंका झा ने बताया कि कोरोना काल मे माहवारी स्वास्थ्य का मुद्दा कही पीछे छूट गया है, बच्चियों की बेहतरी के लिए इसपर ध्यान देने की आवश्यकता है। देशभर की संस्थाओं को जोड़कर कोरोना काल मे कश्मीर टू कन्याकुमारी पीरियड पाठ अभियान आयोजित करने वाली अनिथा राव ने बताया कि कोरोना काल ने मुश्किलें बढ़ा दी है, इन दिनों काम करना बेहद चुनौतीपूर्ण है। सुनैना ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाएं तक पहुंच मुश्किल हो गयी है, इन दिनों ग्रामीण इलाकों में माहवारी से जुड़ी परेशानियों के लिए महिलाये झाड़ फूंक का सहारा लेने लगी है, यह बेहद खतरनाक है। दर्जन भर लोगों ने अपने विचार विस्तार से रखे।

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द कैंपेन ऑफ टफ टाइम

कोरोना काल में माहवारी स्वच्छता को लेकर निश्चय के द्वारा किये गए कार्यों पर आधारित विकास-प्रकाश की डॉक्युमेंट्री फ़िल्म द कैंपेन ऑफ टफ टाइम – लेसन लर्न थ्रू पैंडेमिक का प्रदर्शन कर चुनौतियों पर विषय प्रवेश किया गया था। डॉक्यूमेंट्री में कोरोना काल मे संस्था के द्वारा चलाये जा रहे सैनिटरी पैड रिलीफ कैंपेन से लेकर एक पैड, एक पेड़ अभियान तक के सफर और चुनौतियों पर आधारित है। कोरोना काल के दौरान माहवारी से जुड़ी परेशानियों ने बच्चियों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाला, डॉक्यूमेंट्री इस पर भी प्रमुखता से प्रकाश डाला गया हैं। उपरोक्त फ़िल्म को कोरोना काल की चुनातियों पर आयोजित पीएसबीटी फ़िल्म प्रतियोगिता में भी भेजा गया है।

रूरल डेवलपमेंट एवं मीडिया की छात्राओं ने प्रस्तुत किये रिसर्च रिपोर्ट:

इट्स वीमेंस प्राइड के दौरान किट्स ओडिशा में अध्ययनरत रूरल डेवलपमेंट की छात्रा इप्सिता सिन्हा ने माहवारी स्वच्छ्ता पर आधारित शोध को प्रस्तुत किया। वही करीम सिटी कॉलेज की मास कम्युनिकेशन की छात्रा प्रज्ञा सिंह ने महिलाओं के मुद्दों एवम माहवारी स्वच्छ्ता को लेकर मीडिया की भूमिका पर प्रस्तावित शोध प्रस्तुत किया।

बच्चों को योग के प्रति जागरूक करने हेतु योगा फ़ॉर चिल्ड्रेन 30 मई से शुरू

कार्यक्रम के दौरान कोरोना काल मे बेहतर स्वास्थ्य हेतु योग के महत्व पर योग शिक्षिका पूजा कुमारी ने विस्तार से चर्चा की। कोरोना काल मे बच्चों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु 7 दिवसीय “योगा फ़ॉर चिल्ड्रेन” कार्यशाला का आयोजन 30 मई से 5 जून तक किया जाएगा। इक्छुक बच्चे निश्चय के फेसबुक पेज पर पंजीकरण कर निःशुल्क कार्यशाला में शामिल हो सकते है। कार्यक्रम के दौरान निश्चय संस्था के संस्थापक तरुण कुमार, पूजा कुमारी, पूनम महानंद, डॉ पोम्पी दास सेनगुप्ता एवम अन्य  का महत्वपूर्ण योगदान रहा। साढ़े तीन घंटो से ज्यादा चले कार्यक्रम में 50 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया।

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