बगैर सभापति के कबतक विधवा विलाप करती रहेगी बिक्रमगंज नप,आखिर कब बनेगी सुहागन, बना यक्षप्रशन
सासाराम (दुर्गेश किशोर तिवारी) :- एक माह से अधिक समय बीत गया।फिर भी बगैर सभापति के विधवा विलाप कर रहा नगर परिषद बिक्रमगंज आखिर कब सुहागन बनेगी।राह निहार रहा नप के लिए यह यक्षप्रश्न बनते जा रहा है।क्योंकि पिछले 27 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव बहुमत से पारित होने के उपरांत 27 वार्डो वाला नगर परिषद बिक्रमगंज का कुर्सी सभापति के बगैर बीते एक माह से अधिक समय से खाली पड़ा है और राज्य निर्वाचन आयोग ने अभीतक सभापति पद के चुनाव से सबंधित तिथियों का निर्धारण नही किया है।जिसको लेकर अधिकारी से वार्ड पार्षद पेशोपेश में पड़ते दिखाई देने लगे है।वही नगरवासी उत्सुकता के साथ ब्याकुल होते जा रहे है कि आखिर नगर की सरकार कब बनेगा।बताते चले कि पिछले माह नगर की सरकार बहुमत से धराशायी होने के बाद यह पद काफी सुर्खियां बटोरी एवं नगर में तरह तरह के कयासों व अटकलों का बाजार गर्म होते रहा।लेकिन पूर्व उप सभापति रहे वर्तमान वार्ड पार्षद गुप्तेश्वर प्रसाद गुप्ता के नामों पर पार्षदों की गोलबंदी हो जाने के बाद लोगो की निगाहें आयोग पर अब जा टिकी है।हालांकि नगर की बागडोर अपने हाथों में थामने को आतुर दिख रहे नये सभापति की राहें भी उतनी आसान नही दिख रहा।क्योंकि नगर में बढ़ते भ्रष्टाचार,वित्तीय अनियमितता,गैर जरूरियात उपकरणों की खरीददारी, रिश्वत,कमीशनखोरी व पर्याय बना लूटखसोट से लेकर बहाली तक ऐसे कई ज्वलंत मुद्दे है जो चुनौतियों से भरा पड़ा नजर आ रहा है। नगर परिषद के होने वाले नए मुखिया से नगरवासी आशा भरी निगाहों से टटोलने लगे है कि क्या गैर जरूरियात उपकरणों की खरीददारी,संकेत बोर्ड में बरती गई वित्तीय अनियमितता से लेकर प्रकलनन आदि में की गई बड़े पैमाने पर लूटखसोट की जांच करा पाएंगे।यह सवाल इन दिनों शहर में सुर्खियां बन तेजी से हवा में तैर रही है।फिलहाल नप के सभापति पद का चुनाव नही होने से नगर परिषद बिक्रमगंज विधवा विलाप पर कर रहा है और सुहागन बनने की नित दिन राह निहार रहा है।लेकिन चुनाव आयोग द्वारा अबतक तिथि निर्धारित नही किये जाने से नगर में ऊहापोह की स्थिति बरकरार है।जबकि बगैर सभापति के नगर का विकास भी अवरुद्ध होते जा रहा है।