आदित्यपुर नगर निगम की निष्क्रियता: शहरी क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने में विफल, शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं…

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आदित्यपुर:- आदित्यपुर, एक तेजी से विकसित होता औद्योगिक एवं शहरी क्षेत्र, पिछले कुछ समय से नगर निगम की उदासीनता का शिकार हो रहा है। शहरी विकास के लिए बुनियादी ढांचे और सुगठित प्रबंधन की आवश्यकता होती है, लेकिन यहां स्थिति इसके विपरीत है। अतिक्रमण की समस्या दिन-प्रतिदिन विकराल होती जा रही है, और नगर निगम इस पर कोई ठोस कार्रवाई करने में असमर्थ दिखाई दे रहा है।

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अतिक्रमण की समस्या का दायरा

शहर के मुख्य बाजार, रिहायशी इलाके और सड़कों पर अतिक्रमण का व्यापक असर देखने को मिलता है। फुटपाथों पर दुकानें, सड़क किनारे अवैध निर्माण और सार्वजनिक स्थलों का अनधिकृत उपयोग आदित्यपुर के नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इसके साथ ही अतिक्रमण अब इस कदर बढ़ गया है कि लोग सड़क पर गिट्टी, बालू और कचड़ा महीनों से रख रहे है जिससे आस पास के लोगों को परेशानी भी हो रही है, बावजूद इसके नगर निगम के द्वारा इसकी सुध नहीं लिया जा रहा है। इससे न केवल यातायात बाधित होता है, बल्कि नागरिक सुविधाएं भी प्रभावित होती हैं। बच्चों के लिए खेल के मैदान और सार्वजनिक पार्क भी अतिक्रमणकारियों के निशाने पर हैं।

शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं

स्थानीय नागरिकों ने नगर निगम में बार-बार शिकायतें दर्ज कराई हैं। कई लोग अपनी शिकायतें व्यक्तिगत रूप से जाकर बताते हैं, जबकि कुछ लोग ऑनलाइन माध्यमों और कॉल सेंटर के जरिए अपनी समस्याएं साझा करते हैं। बावजूद इसके, प्रशासन ने अब तक किसी भी समस्या का समाधान करने में रूचि नहीं दिखाई है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि उन्हें केवल आश्वासन मिलता है, लेकिन वास्तविकता में अतिक्रमण हटाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते।
नगर निगम के इस निष्क्रियता का कारण भले जो भी हो लेकिन अधिकारियों के कान पर जू नहीं रेंगता इस बात का प्रमाण सीधे तौर पर देखा जा सकता है।

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स्थानीय निवासियों में नगर निगम की निष्क्रियता को लेकर गहरा आक्रोश है। कई सामाजिक संगठनों और नागरिक समूहों ने नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन का भी तैयारी कर लिया है। उनका कहना है कि यदि प्रशासन समय पर कार्रवाई नहीं करता, तो यह समस्या और गंभीर रूप ले सकती है।

इस समस्या से निपटने के अधिकारियों की दृढ़ प्रशासनिक इच्छाशक्ति हो तो अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कदम उठाने में देर नहीं होती। लेकिन शिकायत के बावजूद निष्क्रियता दिखाना नगर निगम के लापरवाही का प्रमाण दे रही है।

आदित्यपुर नगर निगम का उदासीन रवैया शहर की प्रगति में बाधक बन रहा है। यदि अतिक्रमण की समस्या पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो यह समस्या शहर के बुनियादी ढांचे और नागरिक सुविधाओं को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। नगर निगम को चाहिए कि वह नागरिकों की शिकायतों पर ध्यान देकर त्वरित कार्रवाई करे, ताकि शहर को अतिक्रमण मुक्त और सुव्यवस्थित बनाया जा सके। नागरिकों और प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से ही इस समस्या का स्थायी समाधान संभव है।

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