मॉम लॉन्चिंग के मामले में आया मौलाना महमूद का बयान, कहा: कोई सरकार…

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लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने कहा है कि किसी भी सभ्य समाज में मॉब लिंचिंग जैसे बर्बर कृत्य के लिए कोई जगह नहीं है। देश के सभी वर्गों के जान-माल की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होती है। कोई सरकार अगर किसी वर्ग के साथ हो रहे अत्याचारों को रोकने की कोशिश नहीं करती है, तो उसका दामन उन उत्पीड़ित लोगों के खून से पाक-साफ नहीं कहा जा सकता है।

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मौलाना मदनी ने ये बातें हाल ही में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ और छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुई मॉब लिंचिंग की घटनाओं के संदर्भ में कही है। मौलाना मदनी ने इन घटनाओं पर गहरा दुख जताने के साथ नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने काह कि हम न्याय सुनिश्चित करने के लिए दोषियों के खिलाफ कठोर और तत्काल कार्रवाई की मांग करते हैं। बता दें कि 18 जून की रात अलीगढ़ के मामू-भांजा इलाके में घर लौटते समय 35 वर्षीय फरीद उर्फ औरंगजेब पर भीड़ ने जानलेवा हमला कर दिया। पुलिस के तत्काल हस्तक्षेप के बावजूद उसे गंभीर चोटें आईं और उसे मलखान सिंह अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

कानूनी उपायों के जरिए न्याय पाने की कोशिश करें

उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह जांच में तेजी लाएं और यह सुनिश्चित करें कि घटना में शामिल सभी लोगों को बिना किसी विलंब न्याय के कटघरे में लाया जाए। उन्होंने कहा कि हम स्थानीय प्रशासन से मांग करते हैं कि इस मुश्किल घड़ी में फरीद के परिवार को सभी आवश्यक सहायता और उचित मुआवाजा प्रदान करें। मौलाना मदनी ने सभी समुदायों से अपील की है कि वह शांत रहें और कानूनी उपायों के जरिए न्याय पाने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि न्याय और शांति के सिद्धांतों को बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करना कि ऐसी घटनाएं हमारे देश और इसमें रहने वाले लोगों को विभाजित न करें, अति आवश्यक है।

मृतक के घर पहुंचा 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल

इस बीच, जमीअत उलेमा अलीगढ़ के अध्यक्ष मुफ्ती अकबर कासमी की अध्यक्षता में अलीगढ़ के सभी समुदाय की बैठक हुई और पूरी स्थिति की समीक्षा की गई। 20 जून की सुबह दस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मृतक के घर पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने उनके पिता के साथ संवेदना व्यक्त की और न्याय दिलाने में हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया। इसके साथ ही तत्काल पांच लोगों की एक समिति गठित की गई, ताकि इस मामले की पूरी निगरानी हो और हत्यारों को सजा दिलाई जा सके।

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