मुंबई में बुलेट ट्रेन के काम में आएगी तेजी, 2026 से है चलाने की तैयारी में है…

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लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- इस नई सुरंग के लिए खुदाई का काम 6 दिसंबर 2023 को शुरू हुआ था और छह महीने में 394 मीटर की पूरी लंबाई की खुदाई कर ली गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके तत्कालीन जापानी समकक्ष शिंजो आबे ने 14 सितंबर 2017 को अहमदाबाद में इस परियोजना का शुभारंभ किया था। नवंबर 2021 में काम शुरू होने के बाद से मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर लगातार प्रगति कर रहा है।

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Bullet Train मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत चल रहे काम में तेजी लाने के लिए, मुंबई के घनसोली में 394 मीटर लंबी एक अतिरिक्त मध्यवर्ती सुरंग बनाई गई है। इस नई मध्यवर्ती सुरंग की वजह से बीकेसी और ठाणे खाड़ी से सटे शिलफाटा के बीच 21 किलोमीटर लंबी मुख्य सुरंग के काम में तेजी लाने में मदद मिलेगी।

26 मीटर गहरा नया टर्मिनल 3.3 किलोमीटर लंबा है, और यह दोनों तरफ 1.6 मीटर (लगभग) सुरंग बनाने के लिए एक साथ पहुंच प्रदान करेगा। बुलेट ट्रेन परियोजना को अंजाम देने वाली स्‍पेशल पर्पस कंपनी नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि 21 किलोमीटर लंबी मुख्य सुरंग के लिए, 16 किलोमीटर सुरंग बोरिंग मशीनों का उपयोग करके खोदी गई है और बचे हुए 5 किलोमीटर न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग विधि के माध्यम से खोदी जाएगी।

6 दिसंबर को शुरू हुआ था काम

इस नई सुरंग के लिए खुदाई का काम 6 दिसंबर, 2023 को शुरू हुआ था और छह महीने में 394 मीटर की पूरी लंबाई की खुदाई कर ली गई। इस काम के लिए विशेषज्ञों की देखरेख में 27,515 किलोग्राम विस्फोटकों का उपयोग करके कुल 214 नियंत्रित विस्फोट किए गए। इस नई सुरंग की लंबाई-चौड़ाई ऐसी है कि इससे न केवल निर्माण बल्‍क‍ि संचालन के दौरान भी मुख्य सुरंग तक वाहन सीधे पहुंच सकेंगे और इमरजेंसी की स्थिति में निकासी प्रक्रिया के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकेगा।

तेजी से हो रहा 21 किलोमीटर लंबी मुख्‍य सुरंग का काम

मुंबई बुलेट ट्रेन स्टेशन से महाराष्ट्र के शिलफाटा तक 21 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस सुरंग का करीब सात किलोमीटर हिस्सा ठाणे क्रीक में समुद्र के नीचे होगा। यह देश में कहीं भी बनने वाली अपनी तरह की पहली सुरंग है। 21 किलोमीटर लंबी यह सुरंग सिंगल ट्यूब सुरंग होगी जिसमें ऊपर और नीचे दो ट्रैक होंगे। वर्तमान में, सुरंग बोरिंग मशीनों का उपयोग करके बीकेसी, विक्रोली और सावली में 16 किलोमीटर सुरंग का निर्माण किया जा रहा है।

320 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी रफ्तार

सुरंग के अंदर बुलेट ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेगी। इस साल मार्च में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि बहुप्रतीक्षित बुलेट ट्रेन परियोजना 2026 तक तैयार हो जाएगी, जिसमें शुरुआत में सूरत और बिलिमोरा के बीच ट्रेन चलेगी। नवंबर 2021 में काम शुरू होने के बाद से मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर लगातार प्रगति कर रहा है। बता दें कि भूमि अधिग्रहण में चुनौतियों के कारण परियोजना को शुरू में देरी का सामना करना पड़ा।

2017 में हुआ था परियोजना का शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके तत्कालीन जापानी समकक्ष शिंजो आबे ने 14 सितंबर, 2017 को अहमदाबाद में इस परियोजना का शुभारंभ किया था। राष्ट्रीय हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) को 12 फरवरी 2016 को कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत भारत में हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के वित्तपोषण, निर्माण, रखरखाव और प्रबंधन के उद्देश्य से जोड़ा गया था।

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