अज्ञात वाहन की टक्कर में प्रधानाध्यापक की मौत , बिक्रमगंज – डिहरी मुख्य पथ पर करूप और जमुआ गांव के बीच घटी घटना,टक्कर मार चार पहिया वाहन फरार

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बिक्रमगंज(रोहतास): बिक्रमगंज- डिहरी मुख्य मार्ग पर काराकाट थाना क्षेत्र के करूप और जमुआ गांव के बीच अज्ञात वाहन की टक्कर में जख्मी प्रधानाध्यापक के मौत इलाज के दौरान हो गई । जानकारी के अनुसार मध्य विद्यालय मानिक परासी के प्रधानाध्यापक देवेंद्र त्रिपाठी करुप और जमुआ के बीच अपने बुलेट गाड़ी से गोराड़ी की तरफ जा रहे थे कि घटनास्थल के समीप अज्ञात गाड़ी ने टक्कर मार दी । आसपास के लोगों की मदद से आनन-फानन में उन्हें अनुमंडल अस्पताल बिक्रमगंज पहुंचाया गया , जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित  कर दिया । जानकारी के अनुसार क्रीम कलर (मटमैला) रंग का बोलेरो गाड़ी टक्कर मारते हुए बहुत तेजी से भाग निकला । प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार गाड़ी का दाहिने साइड  का बोनट डैमेज था । टक्कर मारने के उपरांत चार पहिया वाहन करूप बाजार से कच्ची रोड पकड़ पड़रिया के तरफ निकल गया । आनन-फानन में आकर के उसे बिक्रमगंज निजी हॉस्पिटल में ले गए जहां डॉक्टर को जवाब देने के बाद परिजन और अगल-बगल के लोग मिल करके उसे अनुमंडल अस्पताल में ले गए ,लेकिन डॉक्टर के द्वारा मृत घोषित कर दिया गया । अनुमंडल अस्पताल के कर्मचारी ने थाना को सूचना दिया । थाना ने पंचनामा तैयार करते हुए उन्हें अंतिम परीक्षण हेतु सासाराम भेज दिया । घटना की सूचना गांव में मिलते ही होली का खुमार अचानक मातम में बदल गया । सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण एवं उनको जानने वाले अनुमंडल अस्पताल बिक्रमगंज पहुंच गए। परिजनों में चीख-पुकार मच गई । होली का रंग फीका हो गया , चारों तरफ से रोने चिल्लाने की आवाज आने लगी । थानाध्यक्ष आदित्य कुमार ने बताया कि शव को अंत्य परीक्षण करा परिजनों को सौंप दिया गया है । मामले से संबंधित एफआईआर दर्ज कर पुलिस विभिन्न बिंदुओं पर जांच पड़ताल कर रही है ।

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पत्नी एवं परिजनों का रोते-रोते बुरा हाल:

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प्रधानाध्यापक देवेंद्र कुमार त्रिपाठी के मौत का समाचार सुनते ही परिजनों में चीख-पुकार मच गई । मृतक की 45 वर्षीय पत्नी सरोज त्रिपाठी का रोते-रोते बुरा हाल था । वह रोते-रोते अचानक मूर्छित अवस्था में चली जा रही थी । 22 वर्षीय पुत्र चंदन त्रिपाठी एवं 16 वर्षीय पुत्री रितु त्रिपाठी अपनी मां को किसी तरह संभाल पाने में नाकामयाब हो रहे थे । बच्चों एवं परिजनों का भी रोते-रोते बुरा हाल था । विदित हो कि स्वर्गीय त्रिपाठी 3 भाइयों में सबसे बड़े थे । गांव के ही उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर वर्षों से कार्यरत होने के कारण एवं सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेने के कारण गांव तथा आसपास के इलाकों में विख्यात थे ।

श्रद्धांजलि सभा का आयोजन–

पोस्टमार्टम के बाद प्रधानाध्यापक के मृत शरीर को उच्च माध्यमिक विद्यालय मानिक परासी में लाया गया,  जहां हजारों की संख्या में लोग पहुंचे । सबकी आंखें नम थी , देवेंद्र जी के बारे में सब लोगों ने चर्चा कर रखा था कि व्यवहारिक विचारों के धनी और सबका चहेते रहने वाले देवेंद्र त्रिपाठी जी दुनिया में नहीं है । हजारों आदमी को दुःख के मुद्रा में देखा गया , दो मिनट का शोक रखा गया व मृत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई । श्रद्धांजलि सभा में प्रो. सुरेश तिवारी, पूर्व जिला परिसद मनोज तिवारी, पूर्व उप प्रमुख संजय तिवारी, शिक्षक रविकांत तिवारी, योगेंद्र तिवारी, इत्यादि हजारों की संख्या में इलाका के लोग मौजूद होकर फूल चढ़ाते हुए श्रद्धांजलि दिए तथा शोक संवेदना व्यक्त करते हुए 2 मिनट मौन रहे । श्रद्धांजलि सभा के उपरांत अंत्येष्टि क्रिया हेतु परिजन एवं सैकड़ों की संख्या में लोग सबको बक्सर ले गए ।

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