लाखो की लागत से बना एमआरएफ केंद्र बना शोभा की वस्तु
बिक्रमगंज(रोहतास):- नासरीगंज नगर पंचायत में कचरा प्रबंधन पूरी तरह फिसड्डी बना हुआ है । नपं क्षेत्र से प्रतिदिन निकलने वाले गीला व सूखा कचरा का समुचित प्रबंधन को लेकर नगर पंचायत प्रशासन लापरवाह बना हुआ है । नगर पंचायत के वार्ड 02 में स्थित लाखों रुपये की लागत से बना सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के अंतर्गत बने एमआरएफ केंद्र(मेटेरियल रेप्रोडूसिंग फैक्टरी) शोभा की वस्तु बना हुआ है । लाखों की लागत से बना उक्त केंद्र सिर्फ कागज पर शुरू है । उक्त केंद्र के संचालन को ले सुचारू रूप से टेंडर भी किया गया है और कागज पर उक्त केंद्र के नाम पर नगर पंचायत के द्वारा राशि भी निकाली जाती है, लेकिन इसका उपयोग नही होता है । उक्त केंद्र को पूरे नगर के सभी एक से 14 वार्डो के गीले एवं सूखे कचरे को एकत्रित कर गीले कचरे से जैविक खाद और सूखे कचरे से शीशा, प्लास्टिक को अलग कर उसका भंडारण कर विक्रय करने के उद्देश्य से बनाया गया था, लेकिन उक्त केंद्र को शुरू होने के समय केवल अप्रैल 2020 से पूर्व उक्त केंद्र को उपयोग में लाया जाने लगा, लेकिन महज एक वर्ष के बाद जून 2021 में इसको उपयोग में लाना बन्द कर दिया गया । जो आज सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है ।
नगर पंचायत द्वारा सभी वार्डो का कचरा कहीं सड़क के किनारे तो नहर के किनारे या नालों के किनारे डंप किया जा रहा है । सोन नदी को भी कचरा डाल कर नपं द्वारा दूषित किया जा रहा है । उक्त एमआरएफ केंद्र का निर्माण वर्ष 2019-20 में 7 लाख 48 हजार 58 रुपये की प्राकल्लित राशि से कराया गया था । इस संबंध में पूछे जाने पर नपं के ईओ जुल्फिकार अली प्यामी ने बताया कि एमआरएफ सेंटर बिल्कुल सक्रिय है । शोभा की वस्तु बनने वाली बात बिल्कुल निराधार है । वहां गीला कचरा एकत्र किया जाता है । सूखा कचरा वहां नही जाता है । जिसको ले भूमि का चयन किया जा रहा है । जैसे ही भूमि मिल जाती है सूखे कचरे का भंडारण भी शुरू हो जाएगा । सोन नदी और सड़क पर कचरा फेंकना बिल्कुल मना है । सफाई कर्मियों को इसको ले सख्त निर्देश दिया गया है । उसके बाद भी अगर वह इधर-उधर, नदी, सड़क या आबादी वाले इलाके में कचरा फेंकते हैं तो सफाई एनजीओ समेत सफाई कर्मियों पर कठोर करवाई की जाएगी । इधर-उधर गंदगी फैलाने वाले कर्मी या एजेंसी बख्से नही जाएंगे ।