ग्रामीण चिकित्सको के साथ बिहार सरकार का सौतेला व्यव्हार–डॉ.जीतेन्द्र मौर्य

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दावथ /रोहतास (संवाददाता ):- बिहार ग्रामीण चिकित्सक अधिकार मंच एवं सहयोगी संगठन व् प्रियजनों का कोरोना की जंग लड़ने के लिए जो अधिसूचना जारी हुई है उसका हमलोग पुरजोर विरोध करते है। क्योकि इस अधिसूचना मेे सरकार ग्रामीण चिकित्सको के लिए सेवा करने के लिए प्रति कोरोना मरीज की पंद्रह दिन देखभाल हेतु 200रुपया प्रदान करने की अनुमति दी है जो की सरासर अनदेखी है। ये बातें पत्रकारों से बातचीत के क्रम में ग्रामीण चिकित्सक के,राष्ट्रीय संरक्षक डॉ जीतेन्द्र नाथ मौर्य ने कहा।आगे उन्होंने कहा कि वर्षो से ग्रामीण चिकित्सको के अधिकारों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु रेगुलेटरी बनाने के लिए आंदोलनरत है। किन्तु बिहार सरकार असली समस्या की नकली समाधान देती है इसका हमलोग पुरजोर विरोध करते है, हमलोग क़ानून के फल भोग रहे है इसलिए हमारे सम्बन्ध में रेगुलेटरी बनाकर बोर्ड या काउंसिल का गठन कर उसमें सीसीएच एंड सीएचडब्लू या इससे सम्बन्धित डिग्री या डिप्लोमा के आधार पर रेजिस्टर्ड करें, तभी जाकर स्थायी समाधान होगा नहीं तो “यूज एंड थ्रो ” का खेल चलता रहेगा, इस देश में कोरोना जैसी महामारी में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक, जज,कलक्टर, डॉक्टर,इंजीनियर,मास्टर क्लर्क,चपरासी एवं सभी सरकारी और प्राइवेट हेल्थ वर्कर का काम समुचित पैसा और बीमा से चलता है तो इस देश के स्वास्थ्य के रीढ़ ग्रामीण चिकित्सक का भी काम नोट एवं बीमा से चलेगा, शोसण का धंधा बंद करो नगदी का चालू करो।

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