बिक्रमगंज घुसिया कला गांव में नाइट कर्फ्यू की उड़ी धज्जियां, डीजे व बार-बालाओं के साथ पूरी रात थिरके बराती और सराती

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बिक्रमगंज/रोहतास (धर्मेन्द्र कुमार सिंह):- खबर रोहतास जिले के बिक्रमगंज थाना क्षेत्र के घुसिया कला गांव से है, जहां नवनिर्मित दुर्गा मंदिर के समीप पूरी रात एक शादी समारोह में स्टेज पर बार-बालाओं का डांस हुआ, इतना ही नही बैंड बाजे व डीजे के धुन पर युवा पीढ़ियों ने सोशल डिस्टेंशिंग को भूल किन्नरों के साथ डांस करते हुए दरवाज़े पर बारात भी लगाया। इस दौरान मास्क लगाना भी लोग मुनासिब नही समझा, और वैश्विक महामारी कोरोना को आमंत्रण देते गए। और उसे किसी ने रोकने की हिम्मत भी नहीं जुटाई। बतादे कि वैश्विक महामारी कोविड-19 को लेकर इन दिनों नए गाइडलाइंस के अनुसार संध्या 6 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। लेकिन खासकर ग्रामीण इलाको में सरकार के इस फरमान की लगातार धज्जियां उड़ाई जा रही है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इसमें स्थानीय स्तर का पदाधिकारी कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। मामला बिक्रमगंज थाना क्षेत्र से घुसिया कला गांव से जुड़ा हुआ है। जहां 02 मई की रात्रि में एक शादी समारोह में पूरी रात बार-बालाओं ने ठुमके लगाए , अश्लील भोजपुरी गानों रिकॉर्डिंग डांस का आयोजन भी हुआ। इस बाराती और सराती में किसी भी ब्यक्ति में कोरोना का भय नही दिखा, चाहे व बच्चा हो या बुजुर्ग, बिना सोशल डिस्टेंसिंग तथा मास्क के इस डांस का आनंद उठाते रहे । बता दे कि रोहतास जिला में लगातार कोरोना संक्रमण का खतरा बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है। घुसिया कला गांव में पूरी रात बार-बालाओं का डांस हुआ और स्थानीय पुलिस को जानकारी नही हुआ यह बात हजम नही हो रहा है, जो इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है कि सरकार के द्वारा पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगने के बावजूद भी खुलेआम बार-बालाओं का डांस हो रहा है, और स्थानीय प्रसाशन हाथ पर हाथ रखे बैठी हुयी है। सरकार संक्रमण को रोकने के लिए तरह-तरह के नियम व हथकंडे अपना रही है। लेकिन ग्रामीणों के द्वारा सरकार के आदेश का थोड़ा सा भी अनुपालन नही किया जा रहा है। जबकि प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं और लोगों के मरने का भी सिलसिला तेजी से जारी है। ऐसे में यह सामूहिक नाच प्रोग्राम का आयोजन प्रशासनिक चुस्ती पर सवाल खड़े करती है। सवाल उठता है कि रात भर इस तरह के आयोजन होते रहे। लेकिन किसी भी पदाधिकारी को भनक नहीं लगी या फिर पुलिस इन आयोजनों में हस्तक्षेप करने से परहेज कर रही हैं।

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