सासाराम में शादी तय करने पहुंचे समधी-समधन के बीच पनपा प्यार, फिर जो हुआ वो बना तमाशा!



सासाराम, बिहार — आमतौर पर जब दो परिवार विवाह के बंधन में जुड़ते हैं, तो रिश्तों में नयापन, उल्लास और सौहार्द का माहौल होता है। लेकिन सासाराम में एक शादी तय करने गए दो परिवारों की मुलाकात उस वक्त हाई-वोल्टेज ड्रामे में बदल गई, जब समधी-समधन के बीच इश्क के फूल खिलने लगे। परिणामस्वरूप, न केवल रिश्ता टूटा, बल्कि पूरे मोहल्ले में तमाशा बन गया।
शादी तय करने गए थे, इश्क़ तय करके लौटे!
मामला सासाराम के एक प्रतिष्ठित मोहल्ले का है, जहाँ लड़के के परिवार वाले लड़की का रिश्ता तय करने के लिए लड़की के घर पहुंचे थे। शुरुआत में माहौल खुशनुमा था—मिठाइयाँ बांटी जा रही थीं, चाय की चुस्कियों के बीच हँसी-मजाक चल रहा था। लेकिन किसे पता था कि बातचीत की मिठास दो ‘बड़ों’ के दिलों तक पहुँच जाएगी।
बताया जा रहा है कि लड़के के पिता और लड़की की मां की नजरें कुछ ज्यादा ही मिल गईं। कुछ मुलाकातें, कुछ बातचीतें और फिर दोनों के बीच पनप गया ‘दिल का रिश्ता’।
परिवारों को लगी भनक, फिर मचा बवाल
जब इस रिश्ते की भनक घरवालों को लगी, तो एक ओर जहाँ बेटे और बेटी के सपने चकनाचूर हो गए, वहीं दूसरी ओर दोनों परिवारों में जबरदस्त बहस छिड़ गई। तकरार इतनी बढ़ी कि बात हाथापाई और गाली-गलौज तक पहुँच गई। देखते ही देखते जूते-चप्पल चलने लगे। लोग समझ नहीं पाए कि शादी की बात हो रही है या कोई टीवी सीरियल की शूटिंग।
मोहल्ले के लोगों का कहना है कि ऐसा दृश्य पहले कभी नहीं देखा। किसी ने वीडियो बना लिया तो कोई पुलिस बुलाने की बात करने लगा। मामला इतना बढ़ गया कि रिश्ता वहीं टूट गया और दोनों परिवार मुंह छुपाकर लौट गए।
मामला सासाराम नगर थाना क्षेत्र के पुरानी जीटी रोड का है। दोनों रिश्ते में समधी तथा समधन होने वाले थे। शिवसागर थाना क्षेत्र के धनवा गांव के रहने वाले दयाशंकर राम अपनी पुत्री की शादी डालमिया नगर थाना क्षेत्र के न्यू डिलियां निवासी धर्मशिला देवी के पुत्र के साथ तय किए थे। एक साल पहले दोनों पक्ष में शादी तय हुई, लेकिन इसी बीच लड़की के पिता दयाशंकर सिंह तथा लड़के की मां धर्मशिला देवी के बीच मोबाइल फोन पर बातचीत होने लगी और धीरे-धीरे दोनों के बीच प्रेम संबंध हो गया। ऐसी आशंका है कि इससे पूर्व दोनों ने कहीं मंदिर में शादी भी कर लिए और आज कोर्ट में शादी करने के लिए पहुंच थे।
इस घटना ने समाज में कई सवाल खड़े कर दिए हैं—क्या रिश्तों की गरिमा सिर्फ बच्चों तक सीमित होनी चाहिए? क्या उम्र का कोई बंधन नहीं रहा? और क्या भावनाओं पर नियंत्रण रखना अब पुरानी बात हो गई है?
पुलिस नहीं आई, लेकिन चर्चा हर जगह
हालांकि यह मामला पुलिस तक नहीं पहुँचा, लेकिन चाय की दुकानों, बाजार और सोशल मीडिया पर यह घटना चर्चा का विषय बन गई है। लोगों के लिए यह एक हास्यास्पद घटना बन गई, लेकिन पीड़ित परिवारों के लिए यह शर्मिंदगी और मानसिक तनाव की वजह बन चुकी है।


