भोर होते ही चिड़िया क्यों चहचहाना शुरू कर देती हैं, वैज्ञानिकों ने दिया इसका जवाब

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विशेष :-  भोर होते ही चिड़ि‍या चहचहाना (Birds Singing) शुरू कर देती हैं. विज्ञान की भाषा में इसे गुनगुनाना कहते हैं. चिड़ि‍या चहचहाने का काम सबसे ज्‍यादा सुबह-सुबह क्‍यों करती हैं, अलग-अलग वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में इसकी अलग-अलग वजह बताई हैं. वैज्ञानिकों का कहना है, चिड़ि‍यों के गुनगुनाने की वजह भी अलग-अलग होती है. जानिए, ये कब और किस लिए गुनगुनाती हैं…

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साइंस एबीसी की रिपोर्ट कहती है, इसकी एक वजह हॉर्मोंस का उतार-चढ़ाव है. वैज्ञानिकों की एक रिसर्च के मुताबिक, शाम और रात के समय में इनमें स्‍लीप हॉर्मोंस का स्‍तर हाई रहता है. जैसे-जैसे सुबह होने के करीब आती है, यह हॉर्मोन का स्‍तर तेजी से घटता है. इससे नींद का असर कम होता है और ये चहचहाने लगती हैं. इस समय ये ज्‍यादा एनर्जी महसूस करती हैं.

एक अन्‍य रिसर्च कहती है, चिड़ि‍यों के ऐसा करने की वजह एंड्रोजन हॉर्मोन होता है. एंड्रोजन सेक्‍स हॉर्मोन का एक ग्रुप है. जब चिड़ि‍यों में इस हॉर्मोन का स्‍तर ज्‍यादा होता है तो मेटि‍ंग के लिए ज्‍यादा बेहतर तैयार होती हैं. रिसर्च में कहा गया है कि सुबह के समय जब नर च‍िड़ि‍या तेज आवाज में गुनगुनाती है तो उनमें इस हॉर्मोन का स्‍तर बढ़ता है. वहीं नर चिड़ि‍या की आवाज सुनकर मादा में भी इस हॉर्मोन का स्‍तर बढ़ता है.

चिड़ि‍यों की कुछ खास प्रजातियों के गुनगुनाने का भी एक समय होता है. जैसे- मिनाह प्रजाति की चिड़ि‍यों के लिए अप्रैल से जून का समय ब्रीडिंग सीजन का होता है. इस दौरान ये सुबह सबसे ज्‍यादा चहचहाती हैं. जबकि गौरेया ऐसी चिड़ि‍या है जो सालभर गुनगुनाती है. हालांकि सुबह के समय इनकी आवाज थोड़ी ज्‍यादा तेज होती है.

एक रिसर्च में यह दावा किया गया है कि ज्‍यादातर चिड़ि‍यों की मौत रात के समय होती है. ऐसा होने पर सुबह के समय दूसरी चिड़ि‍या तेज आवाज में चिल्‍लाकर यह बात आसपास की चिड़ि‍यों को बताती है

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