रेलकर्मी के आत्मदाह के दौरान क्या कर रही थी आरपीएफ?
जमशेदपुर : रेलवे लोको शेड में टेक्निशियन के रूप में कार्यरत सतीश कुमार पिल्लई ने आरपीएफ की मौजूदगी में ही आत्मदाह करने का प्रयास किया था. तब उसे बचाने का भी प्रयास नहीं किया गया. अंततः रेलकर्मी की मौत आज तड़के हो गयी. उनके घर में पत्नी के अलावा दो बेटी और एक बेटा है. इसके बाद से परिवार के लोग घटना का पूरा जिम्मेवार आरपीएफ को ही बता रहे हैं. परिजनों का कहना है कि आरपीएफ ने जबरन उनकी जमीन को ही दूसरे को दखल दिलाने का काम किया गया. पूरे मामले में अब यह बात सामने आ रही है कि आखिर बिना कोर्ट के आदेश के ही आरपीएफ की ओर से जबरन कैसे दखल दिलाने का काम किया गया. इसके लिये नियमतः सभी प्रक्रियाओं को पूरा किया जाता है. जिला प्रशासन तक से मदद नहीं ली गयी और न ही सूचना दी गयी. परिवार के लोगों ने आरपीएफ पर आरोप लगाया है कि मिली-भगत कर आरपीएफ ने ऐसा काम किया है.
कोर्ट की भी की गयी है अनदेखी
मामला कोर्ट में लंबित होने के कारण ओमप्रकाश उस जमीन पर निर्माण कार्य नहीं करवा पा रहे थे. आरपीएफ और रेलवे की लैंड विभाग की ओर से 28 जून को जबरन सतीश पिल्लई की जमीन को कब्जा दिलवाने का काम किया गया. जिस दिन कब्जा दिलाने का काम चल रहा था उस सतीश की बेटी और पत्नी ने भी आत्मदाह करने का प्रयास किया था. इस बीच आरपीएफ ने दोनों को तो रोक लिया, लेकिन सतीश पिल्लई को नहीं रोका गया.