प्रकृति के महाविनाश के लिए हम स्वयं जिम्मेदार -डॉ प्रकाश चतुर्वेदी

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दावथ /रोहतास (चारोधाम मिश्रा ):- प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करना अब लोगों के लिए पड़ रहा भारी नुक्सान साबित हो रहा है।कोरोना एक इशारा है उस ईश्वर का, उस प्रकृति का जिसने हमारा एवं इस जग का सृजन किया है। उक्त बातें समाजसेवी सह जे पी के इंटर कॉलेज बभनौल के सचिव डॉ प्रकाश चतुर्वेदी ने कही।आगे उन्होंने कहा कि किसी ने स्वप्न में भी नहीं सोचा था कि आज जो कुछ देख या अनुभव कर रहे हैं,कभी हमें अपने जीवन काल में देखना पड़ेगा। यह किसी दुस्वप्न से कम नहीं है पर एक कटू सच्चाई है जिसका सामना हमें न चाहते हुए भी करना पड रहा है। कोरोना वायरस बीमारी पूरा विश्व चपेट में आ गया है।वे देश जो अपने बड़े एवं अत्याधुनिक अस्पतालों तथा बेहतरीन सामाजिक सुरक्षा पर इतराते थे आज कोरोना की पीड़ा से सबसे ज्यादा त्रस्त, लाचार एवं पस्त दिखाई दे रहे हैं।विश्व के शक्तिशाली देश भी इस महामारी के आगे लाचार दिखाई दे रहे हैं। हम प्रकृति परिवेश में रहते हुए प्राकृतिक संपदाओं से छेड़छाड़ करते हैं। जिसका परिणाम है आक्सीजन की कमी,कभी बाढ़,कभी सूखा व भूकंप आदि प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे हैं। प्रकृति के महाविनाश के लिए हम ही जिम्मेदार है। इसलिए हमलोगो को अधिकाधिक पौधे लगाने व रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को कम करें।

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