Advertisements
Advertisements

दावथ /रोहतास (चारोधाम मिश्रा):- कार्तिक मास में देव उठनी एकादशी पर मंदिरों व घरों में तुलसी-शालिग्राम विवाह श्रद्धाभाव से संपन्न हुआ। लोगों ने घरों पर मां तुलसी और भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की।इस दौरान श्रृंगार का पूरा सामान, फूल, चंदन, मौली, चुनरी आदि शामिल कर विवाह संपन्न कराया गया।आचार्य पंडित उमेश पाठक ने बताया कि तुलसी विवाह विधि-विधान से संपन्न कराने वाले भक्तों को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और भगवान विष्णु की कृपा से सारी मनोकामना पूरी होती है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु चार माह के बाद योग निद्रा से जागते हैं और अपना कार्यभार संभालते हैं। आज से सारे शुभ कार्य भी शुरू हो जाते हैं। तुलसी विवाह का काफी महत्व है। हिंदू मान्यता के अनुसार तुलसी विवाह करने से कन्यादान के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। इधर एकादशी के मौके पर लोगों ने जहां उपवास रखा वहीं कई लोग अपने अपने घरों में कथा व्रत का आयोजन भी किया। एकादशी के मौके पर मंदिरों में भी सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई।

Advertisements
Advertisements

You may have missed