टाटा स्टील ने लगातार पांचवीं बार जीता ‘ग्रेट प्लेस टू वर्क’ का प्रमाणन
उच्च विश्वास और उच्च प्रदर्शन संस्कृति वाली संस्था के निर्माण की दिशा में एक कदम है ’ग्रेट प्लेस टू वर्क’ प्रमाणन
मुंबई (संवाददाता ):– 30 दिसंबर, 2021: ’ग्रेट प्लेस टू वर्क इंस्टीट्यूट’ द्वारा टाटा स्टील को पांचवीं बार भारत में ‘ग्रेट प्लेस टू वर्क आर्गनाइजेशन’ के रूप में प्रमाणित किया गया है। ग्रेट प्लेस टू वर्क इंस्टीट्यूट का यह वार्षिक प्रमाणन उच्च-विश्वास और उच्च-प्रदर्शन संस्कृति वाले संस्थान के निर्माण की दिशा में टाटा स्टील के प्रयासों को सम्मानित करता है।
पिछले कुछ वर्षों में टाटा स्टील ने कार्यबल के विभिन्न वर्गों के लिए कई पथ-प्रदर्शक नीतियां, अभ्यास और पहल शुरू की हैं। कंपनी लोगों को काम पर रखने, जुडाव, विविधता व समावेशन, पुरस्कार व सम्मान, कर्मचारी संबंध, सामाजिक सुरक्षा, कैरियर और विकास के क्षेत्र में नवोन्वेषी और अग्रणी रही है। इस साल एक पथप्रदर्शक पहल में टाटा स्टील ने कोर माइनिंग ऑपरेशंस में 14 ट्रांसजेंडरों और 38 महिला हेवी अर्थ मूविंग मशीनरी ऑपरेटरों को सफलतापूर्वक शामिल किया। कंपनी महामारी के दौरान भी कर्मचारी कल्याण योजनाओं और सामुदायिक पहलों में अग्रणी रही है। इसी दौर में कंपनी ने साल 2020 में एजाइल वर्किंग मॉडल पेश किया। इस साल की शुरुआत में राष्ट्रीय अध्ययन के तहत 2021 में ‘ग्रेट प्लेस टू वर्क इंडिया’ द्वारा टाटा स्टील को ’राष्ट्र-निर्माताओं के बीच भारत के सर्वश्रेष्ठ नियोक्ताओं’ में से एक के रूप में नामित किया गया। इस विशेष श्रेणी के पुरस्कार को इसी साल लांच किया किया था।
अत्रेयी सान्याल, वाइस प्रेसिडेंट, ह्यूमैन रिसोर्स मैनेजमेंट, टाटा स्टील ने कहा, ’पांचवीं बार ‘ग्रेट प्लेस टू वर्क’ के रूप में प्रमाणित होना हमारे लिए बड़े गर्व व सम्मान की बात है। हमने हमेशा एक ऐसे संस्थान के निर्माण और पोषण में विश्वास किया है, जो उच्च स्तर के प्रदर्शन से प्रेरित हो। जब कार्यबल प्रबंधन की बात आती है, तो हमने हमेशा अपनी अग्रणी पहलों के साथ मार्ग प्रशस्त करने और नये मानक स्थापित करने का प्रयास किया है। महामारी के प्रभाव से उबरने के बाद ’ग्रेट प्लेस टू वर्क’ सर्टीफिकेशन एक उच्च विश्वास, उच्च प्रदर्शन और अत्यधिक व्यस्त कार्यबल के निर्माण के हमारे प्रयासों का एक प्रमाण है। ट्रस्ट इंडेक्स स्कोर में वृद्धि संस्थान के प्रति हमारे लोगों के विश्वास को दर्शाती है। हम एक समावेशी कार्य संस्कृति को बढावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को सुदृढ करना जारी रखेंगे, जो सीखने और आगे बढ़ने को प्रोत्साहित करती है और कर्मचारियों को संगठनात्मक लक्ष्यों के प्रति अपनी सर्वोत्तम क्षमताएं प्रदान करने के लिए प्रेरित करती है।’’
पिछले 114 साल से अधिक की अवधि में टाटा स्टील दुनिया में सबसे अधिक कर्मचारी-अनुकूल कंपनियों में से एक के रूप में उभरी है और इसे मानव संसाधन के क्षेत्र में उद्योग के मानक स्थापित करने के लिए जाना जाता है। कंपनी कानून द्वारा अनिवार्य किए जाने से पहले ही कर्मचारी कल्याण योजनाओं और सामुदायिक पहलों में अग्रणी रही है। 8 घंटे का कार्यदिवस, वेतन के साथ छुट्टी, श्रमिक भविष्य निधि योजना इनमें से कुछ उल्लेखनीय पहल शामिल हैं, जिन्हें बाद में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा अपनाया गया और भारत में कानून द्वारा अधिनियमित किया गया। टाटा स्टील का ‘पीपुल फर्स्ट’ अप्रोच अग्रणी पहलों को लागू कर रहा है और नये मील के पत्थर हासिल कर रहा है, उदाहरण के लिए 100+ वर्षों का औद्योगिक सद्भाव, 5-दिवसीय कार्य सप्ताह, लिंग तटस्थ अवकाश, मासिक धर्म अवकाश, बेंचमार्क सामाजिक सुरक्षा योजनाएं, एलजीबीटी+ के लिए समान लाभ आदि ।हर साल, 60 से अधिक देशों के 10,000 से अधिक प्रतिष्ठान/संस्थान अपनी कार्यस्थल संस्कृति को मजबूत करने के लिए मूल्यांकन, बेंचमार्किंग और योजना कार्यों के लिए ‘ग्रेट प्लेस टू वर्क इंस्टीट्यूट’ के साथ साझेदारी करते हैं। ग्रेट प्लेस टू वर्क इंस्टीट्यूट’ की कार्यप्रणाली एक कठोर और उद्देश्यपूर्ण कार्य संस्कृति मूल्यांकन प्रक्रिया के रूप में जानी जाती है। इसे महान कार्यस्थल संस्कृतियों की पहचान करने और उन्हें सम्मानित करने के मामले में स्वर्ण मानक माना जाता है।