मां सरस्वती के प्रतिमा को अंतिम रूप देने में जुटे मूर्तिकार

Advertisements
Advertisements

बिक्रमगंज(रोहतास):-  इस वर्ष भी कोरोना संक्रमण को लेकर मंदिरों को बन्द रखने और धार्मिक कार्यक्रम पर प्रतिबंध के बीच सरस्वती पूजा को ले अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत पूरे प्रखंड क्षेत्र में लोगों ने तैयारी शुरू कर दी है । पांच फरवरी को होने वाली सरस्वती पूजनोत्सव को लेकर मूर्तिकारों ने सरस्वती मां की प्रतिमाएं बनाने का कार्य भी तेज कर दिया है । वही पांच फरवरी को शुरू होने के बाद पूजनोत्सव की खुमारी तीन दिनों तक रहेगी । वही बसंत के आगमन का आभास होने लगा है । वही शहर से लेकर गांव तक पूजनोत्सव की तैयारीयों की बहुत धूम होती हैं । वही अनुमंडल के सभी प्रखंडों में जगह-जगह पर पूजा पंडाल और मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित कर पूजा करते हैं और अंतिम दिन भव्य शोभायात्रा निकालकर भक्तिमय गीतों के बीच झूमते-नाचते हुए मां सरस्वती की मूर्तियों को नदियों एवं तालाबों में विसर्जित करते हैं । लेकिन कोरोना काल से ही पूजा की धूम थोड़ी फीकी हो गयी हैं । वही कोरोना पाबंदी की वजह से इस बार सरस्वती पूजा का आयोजन बड़े पैमाने पर नही होगा । डीजे नहीं बजेगा और नही जुलूस निकलेगा और लोग घर पर ही पूजा करेंगे । वहीं बिहार सरकार द्वारा कोविड-19 को लेकर अगले 6 फरवरी तक विद्यालय व शिक्षण संस्थानों को बन्द रखने का निर्देश दिया है ।

Advertisements
Advertisements

कोरोना संक्रमण के बाद भी सभी जगहों पर प्रतिमाओं के लिए अग्रिम बुकिंग भी हो चुकी है । पूजनोत्सव पर विभिन्न जगहों पर होने वाले कार्यक्रमों को लेकर लोगों में अभी संशय बना हुआ है । जिस कारण तैयारी नही की जा रही है । लेकिन छोटे बच्चों से लेकर नौजवान सभी लोग मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने की तैयारी में जुट गए हैं । वही स्थानीय शहर में मूर्ति कलाकार ललन प्रजापति व मुंशी प्रजापति ने कहा कि मां की मूर्ति का अंतिम रूप दिया जा रहा है । वही मूर्ति कलाकार ललन प्रजापति व मुंशी प्रजापति ने बताया कि लगभग 25 वर्षों से प्रतिमाएं बना अपने परिवार का भरण-पोषण करते आ रहे हैं ।

See also  Pushpa 2 Trailer : पटना के गांधी मैदान में 'पुष्पा 2' का जोरदार ट्रेलर रिलीज, हजारों फैन्स का उमड़ा उत्साह

पहले जहां 100 रुपये में एक प्रतिमा बेची जा रही थी, वहीं महंगाई के इस दौर में लागत खर्च इतना ज्यादा आ रहा है कि 500 रुपये से कम पर प्रतिमा बेच पाना संभव नही है । पहले की अपेक्षा इस वर्ष प्रतिमाओं की बुकिंग में कुछ कमी जरूर आयी है । हालांकि इस वर्ष भी एक फिट से लेकर 10 फिट तक की प्रतिमा तैयार की गई है । जिसकी कीमत पांच सौ से लेकर पांच हजार तक निर्धारित की गई है । पिछले वर्ष स्कूलों सहित कुछ शिक्षण संस्थानों के छात्रों ने भी प्रतिमा की अग्रिम बुकिंग कराई थी । लेकिन इस वर्ष कोरोना के कारण विद्यालय व शिक्षण संस्थानों के बन्द हो जाने से प्रतिमा की बुकिंग नगण्य है । वही मनोज नाम के एक ग्राहक ने कहा कि “मां सरस्वती ज्ञान , संगीत , भाषा, कला,बुद्धिमत्ता और सीखने की देवी हैं । और पठन-पाठन और इस तरह से पेशे से जुड़े लोग सरस्वती पूजा को बहुत धूमधाम से मनाते है । उनके लिए इसका काफी महत्व हैं । वही बिहार में 6 फरवरी तक पावंदी को लेकर डीएम धर्मेन्द्र कुमार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सभी धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं और आम लोगो के लिए बंद रहेंगे किसी प्रकार का आयोजन प्रशासन से अनुमति लेने के बाद होगी । डीजे और जुलूस पर रोक लगा दिया गया हैं ।

You may have missed