चैनल से आ रहा फोन…न्यूज 45 और टाईम्स नाउ में करता हुं काम… 4 लाख रूपये में मामला करे सेट नहीं तो खबर हो जाएगा वायरल….. कथित पत्रकार के वायरल ऑडियो से शर्मशार हुआ सरायकेला-खरसावां जिला का पत्रकारिता

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आदित्यपुर:- हेल्लो… हेल्लो…. हॉ सर बोलिए… आप बताए नहीं कुछ…. बताऐ तो मेरे को मैनेज करने में समय लगेगा कुछ… हम बांकुरा में रहते है…आने में थोड़ा तो समय लगेगा ना सर… अरे तो हमलोगो को क्या करना है बताईएगा ना… आप एक दिन का समय दिजिएगा ना…. हमलोगो का चैनल थोड़ी मानेगा… बारबार फोन आ रहा वहां से… बार बार मैनेज करने को बोल रहे है आपको तो मौका दे ही दिए। कुछ समय दिजिए आप ढ़ाई लाख बोले.. कुछ समय दिजिए, मैं शांत बैठा हुए चैनल तो मुझे चोर बनाएगा… इतना बड़ा अमाउंट है थोड़ा तो समय चाहिए ना। सर मुझे बच्चा नहीं हो रहा था बहुत डॉक्टर से दिखाऐं पैसे खर्च हो गया है…अब आपको ढ़ाई लाख कैसे तुरंत दे.. थोड़ा तो वक्त लगेगा ना.. ये बातचीत सरायकेला-खरसावां जिले के एक न्यूज पोर्टल में काम करनेवालें कथित पत्रकार और बच्चे को एडॉप्ट करनेवाली बांझ महिला के बीच की है। पुरा मामला आप ऑडियों में सुन सकते है जिससे आप पुरा प्रकरण खुद समझ जाऐंगे कि कैसे इस जिले में पत्रकारिता के नाम पर ब्लैकमेलिंग और दलाली का धंधा फल-फुल रहा है। इस पुरे प्रकरण में पुलिस की भी भूमिका पुरे संदेह के घेरे में है। आगे इस ऑडियों में बच्चा लेनेवाली कथित महिला पुछती है कि आप किस चैनल में हो तो कथित पत्रकार का जबाव आया कि वह न्यूज 45 और टाईम्स नाउ को देखता है। हालांकि इस मामले में कथित पत्रकार के साथ दो और पत्रकारों के नाम सामने आ रहा है जो कथित ऑडियो में रोल प्ले करते सुने जा सकते है। बता दें कि इन दिनों एक पत्रकार का वायरल ऑडियों खुब सुर्खिया बटोर रही है।

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पुरा प्रकरण एक बांझ महिला द्वारा एक नवजात को नियमों में ताक पर गोद लेने का है। जिसमें कथित पत्रकार गोद लेनेवाली महिला से 4 लाख का डिमांड किया जिसके बाद महिला ढ़ाई लाख देने की बात कह बच्चे को लेकर बांकुरा फरार गयी और कथित पत्रकार का फोन कॉल रिकॉर्डिंग कर क्षेत्र में वायरल कर दिया। नवजात को गोद लेने में हुई नियमों की चूक मामले में कथित पत्रकार ने गोद लेनेवाली महिला से 4 लाख रूपये की मांग करने के मामले में अब सोशल मीडिया से जुड़े पत्रकारों के कार्यशैली पर प्रश्न उठने लगे है। क्षेत्र में वायरल ऑडियों को आम लोगो के बीच शेयर किया जा रहा है जिसकी वजह से सभी पत्रकारों की गरीमा पर ठेस लग रहा है। लेकिन इतने बड़े प्रकरण में अबतक किसी भी पत्रकार संगठन का हस्तक्षेप सामने नहीं है। बता दें कि जिस कथित पत्रकार का ऑडियो वायरल हो रहा है वह आदित्यपुर क्षेत्र का ही रहनेवाला बताया जा रहा है। जानकारों की माने तो यह व्यक्ति कुछ वर्ष पहले ही पत्रकारिता से जुड़ा और लगातार विवादों में रहा है। पत्रकारिता के नाम पर अवैध उगाही के पेशे के चलते शहर के पत्रकार उनसे परेशान थे, जिसका परिणाम यह निकला था कि जमशेदपुर शहर के कुछ पत्रकारों ने उसका विरोध किया और उसे फिर सरायकेला जिला में शरण लेना पड़ा। वैसे तो सरायकेला जिला में पत्रकारों का एक गिरोह संचालित हो रहा है जो सरकारी अफसर, भूमाफिया, अवैध कारोबारी से साठ-गांठ कर दलाली काम में लिप्त है। ऐसे तत्वों का स्वच्छ पत्रकारिता से कोई नाता रहा ही नहीं है। अब जिस तरह से लगातार किसी ना किसी के ऑडियो वायरल हो रहा है। जिले में खबर रोकने या फिर किसी के कारनामें उजागर ना करने के एवज में ऐसे पत्रकार अवैध उगाही का कुटीर उद्योग स्थापित कर चुका है।

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इनके सिंडिकेट में जिले के कई थानों में थानेदार और पुलिस अफसर है जो कि चंद पैसे कमाने के चक्कर में अपनी वर्दी को दागदार करने में लगे हुए है। बता दें जिले में कुछ साल पूर्व एक प्रमोशन प्राप्त वरीय अधिकारी का आगमन हुआ जिसके कार्यकाल में ऐसे पत्रकारों ने खुब चांदी काटी। बालू उत्खनन, लॉटरी, कमिशन की शर्त पर पुलिस से मिलकर केस को रफा दफा करनवाने, गाड़ियों को छोड़वाने समेंत कई धंधों में ऐसे लोग लगातार लिप्त रहे है। बता दें कि सरायकेला खरसावां जिला में इसी को लेकर पत्रकारों का दो संगठन बन गया है जो कि आनेवाले भविष्य में भी दोनों संगठन एक हो जाए इसकी संभावना ना के बराबर दिख रही है। क्योंकि एक तरफ मुख्यधारा से जुड़े पत्रकार अपने दामन पर दाग ना लगे इसको लेकर पत्रकारिता के सभी वसूलों को निभाते है तो दुसरी तरफ इस तरह के पत्रकार जो कि वसूली की संभावना वाली खबरों को तरजीह देकर अपनी गरिमा को खत्म कर रहे है। इनके कुकर्मो के कारण क्षेत्र के सभी पत्रकार बदनाम हो रहे है। अगर ऐसे पत्रकारों के कारनामों का सामुहिक वहिष्कार नहीं किया गया तो वह दिन दुर नहीं जब पत्रकारों के प्रति लोगो का नजरीया दुषित हो जाए। मामला प्रकाश में आने के बाद कथित पत्रकार अपनी सफाई भी अपने ग्रुप में देकर साथी पत्रकारों को इमोश्नल ब्लैकमेल करने का भी प्रयत्न कर रहा है। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को कथित पत्रकार ने अपनी सफाई में महिला के लोकेशन पता करने के लिए इस तरह की बातचीत करने की सफाई दी है जो कि एक और हास्यास्पद का विषय बन चुका है। पत्रकार का दायरा केवल खबरों के माध्यम से मामले को उजागर करने तक ही सीमित होती है, लोकेशन लेना, खोजबीन या जांच संबंधित एजेंसियां या पुलिस के जिम्मे होती है। खैर अभी भी वक्त है अगर मुख्यधारा के पत्रकार सजग नहीं हुए तो ऐसे पत्रकारों के कुकर्म फलते-फुलते ही रहेंगे। इसका सीधा नुकसान सभी पत्रकारों को होना तय है क्योंकि पत्रकारों की शक्ति उनके पाठक या दर्शक ही होते है और अगर वहीं सवाल खड़े करने लगे तो फिर पत्रकारिता को कलंकित होने से कोई नहीं बचा सकता है। बहरहाल नवजात के गोद लेने के मामले में पुलिस द्वारा दर्ज किया गया एफआईआर भी अब संदेह के घेरे में है।

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आखिर कौन है वह महिला पुलिसकर्मी जो कथित पत्रकारो को देती है सूचना और करवाती है वसूली…

आदित्यपुर थाना में पदस्थापित एक महिला पुलिसकर्मी के कार्यशैली लगातार सवालों के घेरे में है। विश्वसनीय सुत्र ने लोक आलोक को बताया कि थाने में पदस्थापित एक महिला पुलिसकर्मी इन दिनों कुछ कथित दलाल तत्व के पत्रकारो को ऐसे मामलों की जानकारी देती है और उसके एवज में वसूली का धंधा संचालित कर रही है। इस मामले में भी उसी महिला पुलिसकर्मी की कथित वायरल ऑडियो वाले पत्रकार से सांठ-गांठ कर पैसे वसूलने की बाते सामने आयी है। जब मामला सेट नहीं हुआ तो फिर पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज कर लिया और कथित पत्रकारों ने खबर भी प्रकाशित कर दी। इस मामले की जानकारी थानेदार से भी लेने का प्रयास किया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

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