विकसित भारत बनाने की खातिर देखने होंगे बड़े सपने – कुलाधिपति सुरेश जैन
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लखनऊ: तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कैंपस में कुलाधिपति सुरेश जैन ने आजादी के 76वें मंगल प्रवेश यानी अमृत महोत्सव पर देशभक्ति की अलख जगाई। कुलाधिपति जैन बोले, भारत को विकसित बनाने के लिए न केवल सोच बदलनी होगी, बल्कि बड़े सपने देखने होंगे। इस ऐतिहासिक अवसर पर आन, बान और शान से ध्वजारोहण करके प्रोग्राम को अविस्मरणीय बना दिया। इस ख़ास मौके पर जीवीसी श्री मनीष जैन की भी गरिमामायी मौजूदगी रही। संचालन डायरेक्टर पीएंडटी विपिन जैन ने किया। टिमिट के निदेशक प्रो. विपिन जैन, पैरा मेडिकल के वाइस प्रिंसिपल डॉ. नवनीत कुमार सिंह, प्रो. प्रेरणा गुप्ता,प्रो. संगीता कपूर आदि भी मौजूद रहे। सुरक्षा बलों ने तिरंगे को सलामी दी। अंत में मिष्ठान का वितरण भी हुआ।
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कुलाधिपति श्री जैन ने कहा, हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम है, आजादी के शताब्दी बरस – 2047 में भारत दुनिया के विकसित राष्ट्रों में शामिल होगा। इसके लिए हमें एकजुट होना होगा । यह केवल सरकार के बूते संभव नहीं है,जब तक विकसित राष्ट्र रूपी के महायज्ञ में सबको आहुति देनी होगी ताकि पीएम के इस प्रण को मूर्त रूप दिया जा सके। इसके लिए देश के 130 करोड़ आवाम को लामबंद होना होगा। आपको अपनी सोच बदलनी होगी। आपको सोचना होगा,देश ही सर्वोपरि है। परिवार से पहले देश है। शहर से पहले देश है। सूबे से भी पहले देश है। देशप्रेम की भावना से आगे बढ़ेंगे तो हमें विकसित राष्ट्र बनने से कोई नहीं सकता है।
यदि हम 100 बरसों में विकसित राष्ट्र में शामिल हो गए तो दुनिया में सबसे कम समय में डवलप्ड कंट्री होंगे। हम करीब एक हज़ार साल गुलाम रहे हैं। 75 साल बाद हम गुलामी की सोच से बाहर आने लगेंगे। आने वाले 25 बरस भारत के लिए स्वर्णिम काल होगा। उन्होंने देशवासियों से अपील की,उनके लिए हमें देश ही सर्वोच्च होना चाहिए। इसके लिए नीयत में बदलाव करना होगा। हम कहीं भी जॉब कर रहे हैं या कारोबारी हैं,लेकिन हमारी सोच में परिवार , शहर , सूबों से दीगर कंट्री सबसे ऊपर होना चाहिए। जापान का उदाहरण देते हुए कहा, वहां की जनता में देशभक्ति कूट कूटकर भरी है। यदि भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है तो अपनी जहनियत को बदलना होगा। बड़े सपने देखने होंगे। सपने दिन में खुली आंखों से देखने होंगे। लक्ष्य तय करने होंगे। आपको अपने टारगेट्स को ही तोड़ना होगा।
आपको हर दिन, हर महीने और हर साल प्रोग्रेसिव होना होगा। देश को अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा। इसके लिए उन्होंने एजुकेशन की भी पुरजोर वकालत की। उन्होंने देश के लिए जीने और मरने का मंत्र देते हुए अपना उद्बोधन को भारत माता की जय…वंदे मातरम के जोशीले नारों से संग विराम दिया। इसके अलावा वीसी प्रो. रघुवीर सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि टिमिट में झंडा फहराया। जोश और जुनून के बीच टिमिट के डायरेक्टर प्रो. विपिन जैन, फैकल्टीज,स्टुडेंट्स और स्टाफ मौजूद रहा। कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंस और आदिनाथ एजुकेशन कॉलेज में डीन प्रो. एमपी सिंह ने तिरंगा फहराया।
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