आदित्यपुर : सीतारामपुर डैम से सटे मीरूडीह में कचरा ट्रीटमेन्ट प्लान्ट को जनहित में अविलम्ब रोकने की मांग, बस्तीवासियों का विरोध प्रदर्शन जारी

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आदित्यपुर:- सीतारामपुर डैम से सटे मीरूडीह में कचरा ट्रीटमेन्ट प्लान्ट को जनहित में अविलम्ब रोकने की मांग को लेकर बस्तीवासियों का विरोध प्रदर्शन जारी है. बस्तीवासियों ने डीसी, एसडीएम और अपर नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंप कर अविलंब इस योजना को रद्द करने की मांग की है. बस्ती वासियों ने बताया कि आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के सीतारामपुर डैम से समूचे आदित्यपुर के साथ जुगसलाई, बागबेडा, गम्हरिया में पीने का पानी की आपूर्ति की जाती है. सीतारामपुर डैम 192 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. ऐसे में सीतारामपुर डैम से ठीक सटे वाई संख्या 9 के मीरूडीह गांव में आदित्यपुर नगर निगम द्वारा कचरा ट्रीटेन्ट प्लान्ट का निमार्ण की योजना है, जिसके लिए चहारदीवारी के लिए गड्ढा खोदा जा रहा है. जिसका सम्पूर्ण गांव के लोग विरोध कर रहे हैं. बस्तीवासियों ने कहा कि जहां खुदाई हो रही है वह सीतारामपुर डैम का कैचमेंट एरिया है. बरसात में कचरा ट्रीटमेंट प्लांट का पानी वहां से बहकर सीतारामपुर डैम में ही जाता है. जब बरसात में डैम पूरी तरह भर जाता है तो उसका क्षेत्रफल बढ़ जाता है. सिचाई विभाग के द्वारा गांजिया बराज से सीतारामपुर डैम में पाइप लाइन के द्वारा जलस्तर को बनाए रखने के लिए पानी लाने का व्यवस्था किया गया है. हम ग्रामीणों का दावा है कि कचरा ट्रीटमेन्ट प्लांट के लिए जो जगह चयनित हुआ है वह सीतारामपुर डैम से मात्रा 30-50 मीटर की दूरी पर है एंव N.G.T के नियम के अनुसार किसी भी जल स्रोत से 500 मीटर की दूरी तक प्रदूषित वस्तुओं को इकट्ठा करना वर्जित है, चूंकि प्रदूषित वस्तु का अंश बरसात के पानी के साथ मिलकर जलाशय में जाता है. अतः आग्रह है कि N.G.T के नियम को सख्ती से पालन करते हुए मीरूडीह म में बनाये जा रहे कचरा ट्रीटमेंट प्लांट की योजना को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की कृपा की जाए. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि प्रस्तावित प्लांट के अगल बगल ज्यादातर ग्रामीणों की रैयती जमीन है जिसपर खेती होती है. जिसे भी कचरा प्लांट के दुष्प्रभाव का दंश झेलना पड़ सकता है.

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