झारखंड मंत्रिमंडल में भी होगा फेरबदल, जानें हेमंत के सीएम बनने के बाद किसे छोड़ना पड़ेगा मंत्रीपद कौन बनेगा मिनिस्टर…
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- हेमंत सोरेन एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने जा रहा हैं। मंगलवार को दिन भर की राजनीतिक उठा-पटक के बाद सीएम चंपई सोरेन ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को इस्तीफा सौंप दिया। अब जल्द ही गवर्नर हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे। इसके साथ ही झारखंड में इंडिया गठबंधन की सरकार का तीसरा चरण शुरू हो गया है। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश के मंत्रिमंडल में भी फेरबदल होगा। कुछ मंत्रियों को मंत्रीमंडल से बाहर जाना होगा और कुछ विधायक मंत्री बनाए जाएंगे। इसे लेकर सियासी गलियारों में कयासों का दौर शुरू हो गया है।
कांग्रेस से बनेंगे चार मंत्री, इरफान की खुल सकती है किस्मत
झारखंड सरकार में कुल अधिकतम12 मंत्री बन सकते हैं। इसके पहले सीएम को छोड़ कर झामुमो के पांच विधायकों को मंत्री बनाया गया है। इसके अलावा, कांग्रेस के चार विधायक और राजद का एक विधायक मंत्री बना था। माना जा रहा है कि इंडिया गठबंधन सरकार के इस तीसरे चरण में भी मंत्रिमंडल का फार्मूला यही होगा। कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व मंत्री आलमगीर आलम जेल में हैं। उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया है। कांग्रेस कोटे से मंत्री का एक पद खाली हो गया है। चर्चा है कि इस पद पर जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी को बैठाया जाएगा। आलमगीर आलम अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं। इसलिए उनकी जगह किसी अल्पसंख्यक समुदाय के विधायक को मंत्री बनाया जाएगा।
दीपिका व प्रदीप के नाम की भी चर्चा
दीपिका पांडेय सिंह और प्रदीप यादव के नाम पर चर्चा चल रही है। इन दोनों में से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है। इनमें से दीपिका पांडेय सिंह का पलड़ा भारी लग रहा है। क्योंकि, कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में दीपिका पांडेय सिंह को गोड्डा से लोकसभा का टिकट दिया था। बाद में उनका टिकट काट दिया गया और प्रदीप यादव को टिकट दिया गया। अब कांग्रेस का थिंक टैंक कह रहा है कि प्रदीप यादव को एमपी बनने का एक चांस दिया जा चुका है। भले ही वह हार गए हों। इसलिए अब दीपिका पांडेय सिंह को मौका मिलना चाहिए। जमशेदपुर पश्चिम के विधायक बन्ना गुप्ता के अलावा रामेश्वर उरांव और बादल पत्रलेख दोबारा मंत्री बनाए जा सकते हैं। अब तक यही चर्चा है। मगर, कांग्रेस का एक धड़ा इस बात की जोर शोर से वकालत कर रहा है कि मंत्रीमंडल में कुछ नए चेहरों को जगह दी जाए। पिछली बार जब चंपई सोरेन सीएम बने थे तो कांग्रेस में इस बात को लेकर विधायकों ने नाराजगी भी जाहिर की थी। विधायक दिल्ली भी गए थे और उन्हें आलाकमान से आश्वासन भी मिला था। इसलिए माना जा रहा है कि इस बार कांग्रेस कोटे से मंत्री बनने वाले चेहरे बदल सकते हैं।
कल्पना व चंपई नहीं बनेंगे मंत्री
जब चंपई सोरेन मुख्यमंत्री थे तो इस बात की चर्चा जोर शोर से चल रही थी कि कल्पना सोरेन को मंत्री बनाया जाएगा। मगर, अब हेमंत सोरेन सीएम बनने जा रहे हैं तो कल्पना सोरेन के मंत्री बनने की संभावना कम हो गई है। चंपई सोरेन के भी मंत्री बनने की संभावना न के बराबर है। अलबत्ता, उन्हें कोई सम्मानजनक पद देने की बात कही जा रही है। चंपई सोरेन इंडिया गठबंधन के पहले चरण की सरकार में परिवहन मंत्री थे। बाद में वह सीएम बन गए। चंपई सोरेन कोल्हान से आते हैं। इसलिए, मांग उठ रही है कि कोल्हान से एक विधायक को मंत्री बनाया जाना चाहिए। इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि रामदास सोरेन, समीर मोहंती और ईचागढ़ की विधायक सविता महतो में से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है। झामुमो से मिथिलेश ठाकुर, हफीजुल हसन अंसारी, दीपक बिरुआ और बेबी देवी का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में राजद ने झारखंड में एक ही सीट पाई थी। चतरा से राजद के सत्यानंद भोक्ता विधायक बने थे। इसलिए वह राजद कोटे से मंत्री बनेंगे।