जयराम का कुड़मी सांसदों को हराना एक मात्र उद्देश्य : मानिक चंद्र महतो
जमशेदपुर। झारखंड भाषा खतियान संघर्ष समिति (जेबीकेएसएस) के केंद्रीय संगठन मंत्री अधिवक्ता मानिक चंद्र महतो ने आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी सिर्फ और सिर्फ एक ही उद्देश्य से लोक सभा चुनाव में उतरी है ताकि मौजूदा सांसदों विद्युत वरण महतो और चंद्र प्रकाश चौधरी को हराया जा सके। उन्होंने गुरुवार को पुराना कोर्ट में संवाददाता सम्मेलन कर पार्टी के अध्यक्ष जयराम महतो पर आरोप लगाया कि वे इन दोनों नेताओं को किसी भी तरह हरवाकर स्वयं कुड़मी नेता के रूप में स्थापित होना चाहते हैं। यह भी आरोप लगाया कि उन्हें इस काम में झामुमो और इंडी गठबंधन का भरपूर साथ मिल रहा है।महतो ने कहा कि जिस जयराम ने झारखंड में 1932 की खतियान आधारित स्थानीय नीति, नियोजन नीति और औद्योगिक नीति के नाम पर बाहरी-भीतरी कर बिहार मूल के लोगों को गालियां देता रहा, उसने अपना प्रधान महासचिव बिहार मूल के सीवान जिला के फरजान खान को बना रखा है। इससे स्पष्ट है कि महतो झारखंड के कुड़मी वोटरों को बरगला कर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को साधना चाहते हैं। मानिक चंद्र महतो ने मीडिया के माध्यम से कुछ सवाल जयराम महतो से किये हैं।क्या फरजान खान के पास 1932 का खतियान है। अगर है तो सार्वजनिक करें और अगर नहीं है तो उसको जेबीकेएसएस का प्रधान महासचिव क्यों बनाया गया। कुड़मी लोगों का एसटी मुद्दे को आपने चुनावी मुद्दा क्यों नहीं बनाया।पिछले दिनों कुर्मी समाज के 19 ब्यक्तियों को जेल में ठूंस दिया गया और करीब 100 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज किया गया। इसका उन्होंने किसी सभा में कोई जिक्र क्यों नहीं किया। गांडेय विधानसभा में झामुमो के विरुद्ध कोई प्रत्याशी क्यों नहीं दिया और धनबाद लोकसभा से किसी कुर्मी को प्रत्याशी क्यों नहीं बनाया गया।कुर्मी समाज के बच्चे अपना काम धाम सब छोड़ कर जयराम के आंदोलन मे भाग लिया और प्रत्याशी बनाते व्यक्त कुर्मी विरोधी लोगों को चुन चुन कर प्रत्याशी बनाया गया। मानिक महतो ने कहा कि उनका संगठन पूरी तरह झामुमो के इशारे पर चल रहा है।