आदित्यपुर के लंका टोला में माँ काली के मंदिर में झाड़फुक करने का विवाद गहराया, पहुँचा थाना,विस्तार से जाने कौन है माँ काली के रूप में महिला, और क्या कहती है मंदिर कमिटी …
आदित्यपुर :- आदित्यपुर के आर आई टी थाना क्षेत्र के लंका टोला में काली मंदिर में झाड फूक के विवाद को लेकर दो पक्षों में जमकर बवाल हुआ जिसके बाद मामला आरआईटी थाना पहुँचा । इस मामले में मंदिर के कमिटी के लोगों का कहना है कि मोहल्ले में झाड़फुक और बलि नहीं होगी इससे अंधविश्वास को बढ़ावा मिलता है वही दूसरे पक्ष के लोगों का कहना है कि पिछले 18 सालों से उस स्थान पर झाड़फुक की जा रही है जिसे बंद नहीं किया जाएगा। मामले को टूल पकड़ता देख कर दोनों पक्ष थाना पहुँच कर अपनी बात को रखें लेकिन कही से सहमति नहीं बनी। और विवाद गहराता चल गया। पुलिस की ओर से मामले को शांत कराया गया और झाड़फुक के लिए मना भी किया गया लेकिन पुजारिन के तौर पर झाड़फुक करने वाली महिला के परिवार वाले इस बात पर राजी नहीं हुए।
कौन है पुजारिन ?
बातचीत के दौरान जानकारी मिली कि पुजारिन के रूप में जो महिला झाड़फुक करती है उसका नाम मीना देवी है। जो कि मूल रूप से बिहार के रोहतास – बक्सर जिला के सीमा अंतर्गत दावथ थाना क्षेत्र के मलियाबाग़ के छितनी गाँव की रहने वाली है। महिला बताती है कि पिछले 30 साल से आदित्यपुर में रह रही है और 18 साल से माँ काली का रूप महिला पर देखा जा रहा है। बता दें कि कई लोगों का भला करने का भी दावा महिला के परिवार वाले और उनके समर्थकों द्वारा किया जा रहा है। मीना देवी ने बताया कि माँ काली को खुश रखने के लिए बलि देने की जरूरत पड़ती है जिसके लिए भक्त आते है लेकिन मंदिर कमिटी ke लोग इसका विरोध कर रहे है।
मंदिर कमिटी का ये पक्ष
मंदिर कमिटी के अध्यक्ष संतोष सिंह समेत अन्य लोगों ने बताया कि महिला के आस्था से किसी प्रकार का कोई विरोध नहीं है । कमिटी की ये मांग है कि झाड़फुक मंदिर परिसर में नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरायकेला जिला डायन प्रथा के खिलाफ एक उदाहरण है और इसी जिले में झाड़फुक को बढ़ावा देना समाज के सोच को दर्शाता है। कमिटी ने बताया कि जब मंदिर में पूजा-पाठ करने के लिए वृंदावन से पुजारी बुलाए गए है तो फिर झाड़फुक करने की क्या जरूरत है ।