जागृति मैदान: खेल मैदान को बचाने के लिए लड़ी लड़ाई लेकिन मैदान पर थाने में जब्त गाड़ियों का कब्जा, चारो ओर हो रहा अतिक्रमण, सिकूड़ रहा है मैदान, मैदान के खाली हिस्सा बन गया , आर आई टी पुलिस मौन…

0
Advertisements
Advertisements

आदित्यपुर:- आरआइटी थाना के बगल में अवस्थित जागृति मैदान के अस्तित्व पर अब संकट मड़राने लगा है। इस मैदान में आदित्यपुर नगर निगम द्वारा नगर निगम की प्रशासनिक भवन निर्माण को लेकर स्वीकृति दी गयी थी। टेंडर भी हो चुका था और यहां मिट्टी की जांच भी कर ली गयी थी। लेकिन इस मैदान को बचाने के लिए कई राजनीतिक दलों के लोग एकजुट होकर नगर निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इस आंदोलन में सबसे आगे नगर पर्षद के पूर्व उपाध्यक्ष रह चुके पुरेन्द्र नारायण सिंह थे, मैदान में नगर निगम का प्रशासनिक भवन तो नहीं बना लेकिन मैदान को एक आदर्श खेल मैदान के रूप में विकसित करने के इन नेताओं के वायदे पुरी तरह से फेल हो गये है और अब तो मैदान के अस्तित्व पर भी संकट आ चुका है। क्योंकि आरआइटी थाना मैदान के एक बड़े हिस्से में थाना में जब्त किये गये वाहनों को रख दिया गया है, जिसकी वजह से बच्चों को यहां खेलने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस मैदान में पूर्व में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का शाखा लगा करता था, लेकिन अब यहां शाखा लगना भी बंद हो चुका है, इसका सबसे बड़ा वजह यहां प्रतिदिन शाम में शराबियों के जमावड़े को बताया जा रहा है। यहां बेरोक टोक शराब का सेवन देर रात तक किया जाता है, किसी किसी दिन तो मैदान में शराबियों का तांडव से रणभूमि में तब्दील हो जाता है। लेकिन सबकुछ जानकर भी आरआइटी पुलिस खामोश रहकर इन शराबियों के तांडव को प्रश्रय दे रहा है। बताया जाता है कि थाने के कई स्टॉफ इसी मैदान में अवैध कारोबारियों के साथ शराब का सेवन करते देखे जाते है, जिसकी वजह से पुलिस यहां कार्रवाई करने से कन्नी काट लेते है।

Advertisements
Advertisements

चारो ओर हो रहा अतिक्रणम, सिकूड़ रहा है मैदान

See also  सालुकडीह और चोगाटांड़ गांव के ग्रामीणों ने 40 हाथियों को खदेड़ा

जागृति मैदान जहां बड़े बड़े रैली और डे-नाईट क्रिकेट मैच का आयोजन हो चुका है, इन दिनों मैदान के चारो ओर अतिक्रमण का खेल चल रहा है। सुत्रों की माने तो यहां अस्थायी दुकान पुलिस की मिलीभगत से बनाया जा रहा है, इसके लिए दुकानदारों से प्रतिमाह 3 हजार रूपये वसूला जा रहा है। मैदान के चारो ओर सैकड़ो झोपड़ीनूमा दुकानें खुल गयी है। वहीं दुसरी ओर थाना भी बचे भुखंड का उपयोग कर रहा है। जिससे क्षेत्र में एक आदर्श खेल का मैदान अब अपने अस्तित्व की अंतिम लड़ाई लड़ रही है। आगे यह देखना है कि आंदोलन के माध्यम से इस मैदान को बचाने का दावा करनेवाले नेता मैदान का हो रहा अतिक्रमण और मैदान चल रहे शराबपार्टी के खिलाफ आवाज बुलंद करते है या नहीं।

मैदान के खाली हिस्सा बन गया है ट्रक स्टैंड

जागृति मैदान के कई हिस्सों में कॉमर्शियल ट्रक और डंपर को पार्क किया जाता है। ये गाड़ियों किसकी है और मैदान में किसकी अनुमति से लगाया जाता है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन पुलिस द्वारा इन गाड़ियों पर कार्रवाई नहीं किये जाने से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि थाने की मिलीभगत से यहां गाड़ियों की पार्किंग की जा रही है।

Thanks for your Feedback!

You may have missed