IAS बनाने का हवा हवाई दावा करने वाले 20 इंस्टीट्यूट को CCPA ने भेजा नोटिस, फर्जी विज्ञापन देकर भ्रमित करने वाले संस्थानों को लेकर केंद्र सरकार सख्त…जमशेदपुर में भी ऐसे कई संस्थान जो कर रहे विद्यार्थियों को भ्रमित…

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दिल्ली:- शिक्षा के क्षेत्र से एक बड़ी खबर सामने आई है। बता दें कि IAS बनाने का हवा हवाई दावा करने वाले 20 कोचिंग संस्थानों को नोटिस और चार संस्थानों पर एक-एक लाख का जुर्माना केंद्र सरकार की ओर से लगाया गया है।
जानकारी के मुताबिक आइएएस बनाने का हवा हवाई दावा करने वाले 20 कोचिंग इंस्टीट्यूट को नोटिस भेजा गया है। अब कोचिंग संस्थानों के लिए गैर सत्यापित दावा करना आसान नहीं होगा क्योंकि केंद्र इसे लेकर सख्त हो गया है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने आइएएस की तैयारी कराने वाले बड़े-बड़े दावे करने वाले चार कोचिंग संस्थानों को दंडित किया है। उन पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। ऐसे संस्थान जो छात्रों को भारतीय प्रशासनिक पदाधिकारी (IAS) बनाने के लिए ऐसे दावे करते हैं, जो सच से परे होते हैं। उनके झांसे में आकर हर वर्ष संघ लोकसेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा की तैयारी करने वाले बड़ी संख्या में छात्र आकर्षित होकर मोटी रकम लुटा रहे हैं, लेकिन सफलता के नाम पर अधिकतर को निराशा मिलती है।

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने आइएएस की तैयारी कराने वाले बड़े-बड़े दावे करने वाले चार कोचिंग संस्थानों को दंडित किया है। उन्हें एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

वास्तविकता से परे रहता है कोचिंग संस्थानों का दावा

सीसीपीए आयुक्त एवं उपभोक्ता मामले विभाग की विशेष सचिव निधि खरे ने बताया कि कोचिंग संस्थानों के हवा-हवाई दावे की सच्चाई का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2022 में यूपीएससी के अंतिम परिणाम में कुल 933 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था, लेकिन सिर्फ 10 कोचिंग संस्थानों के विज्ञापनों में ही साढ़े तीन हजार से अधिक छात्रों को सफलता दिलाने का दावा किया गया, जो वास्तविक संख्या से लगभग साढ़े तीन गुना से भी अधिक है। जो कि असंभव है।

निधि खरे ने स्पष्ट किया कि कोचिंग संस्थानों के विज्ञापनों में सच्चाई बताने के लिए सीसीपीए द्वारा दिशानिर्देश भी जारी किया जा रहा है।
निधि खरे के मुताबिक यूपीएससी परीक्षा में प्रत्येक वर्ष लगभग दस लाख छात्र शामिल होते हैं। मुख्य परीक्षा के लिए इनमें से लगभग दस हजार को चुना जाता है। इसके बाद करीब तीन हजार अभ्यर्थी इंटरव्यू के लिए चुने जाते हैं। कई संस्थान इन्हीं अभ्यर्थियों को मुफ्त में मॉक इंटरव्यू के लिए आमंत्रित करते हैं। चूंकि इंटरव्यू में शामिल एक तिहाई अभ्यर्थियों का अंतिम तौर पर चयन हो जाता है, जिन्हें कोचिंग संस्थान अपना बताकर बड़े-बड़े विज्ञापन जारी करते हैं। इससे अगली परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी झांसे में आ जाते हैं।

एक ही सफल अभ्यर्थी पर पांच-पांच स्थानों ने किया दावा

निधि खरे ने बताया कि जांच में पता चला कि एक ही सफल अभ्यर्थी पर पांच-पांच संस्थानों ने अपने विज्ञापनों में दावा किया। किसी ने यह नहीं बताया कि उक्त अभ्यर्थी उनके संस्थान में सिर्फ माक इंटरव्यू में शामिल हुआ था। लेकिन अब जारी किए गए आदेश के अनुसार ऐसे संस्थानों को बताना पड़ेगा कि उन्होंने सफल अभ्यर्थियों से कितने पैसे लेकर क्या-क्या प्रशिक्षण दिया। अगर सिर्फ मॉक इंटरव्यू में शामिल किया है तो विज्ञापन में यह भी स्पष्ट करना होगा।
प्राधिकरण के मुताबिक दावों के फर्जी प्रमाणित हो जाने पर 10 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके बाद भी अगर उल्लंघन का मामला आया तो 50 लाख का जुर्माना देना पड़ सकता है।

इन्हें दिया गया है नोटिस

वाजीराव एंड रेड्ड़ी इंस्टीट्यूट, चहल एकेडमी, खान स्टडी ग्रुप, आप्टी प्लस, अनालोग आइएएस, शंकर आइएएस, श्रीराम आइएएस, बायजू आइएएस, अनएकेडमी, नेक्स्टा आइएएस, दृष्टि आइएएस, करा आइएएस, विजन आइएएस, आइएएस बाबा, योजना आइएएस, प्लूटस आइएएस, एल्स आइएएस, राउज स्टडी सर्किल, राउज स्टडी सर्किल आदि को नोटिस भेजा गया है।

इन पर लगा जुर्माना

जबकि चहल एकेडमी, इकरा आईएएस एवं राउज आईएएस स्टडी सर्कल पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। आइएएस बाबा ने कर्नाटक हाईकोर्ट से स्टे ले रखा है। इसके अतिरिक्त अनएकेडमी संस्थान के खिलाफ आदेश सुरक्षित रख लिया गया है।

2022 की यूपीएससी परीक्षा में वाजीराव एंड रेड्डी 617, शंकर आइएएस 336, चहल एकेडमी 352, आप्टी प्लस 150, अनालोग आइएएस 64, बायजूस 266, नेक्स्ट आइएएस 624, दृष्टि, आइएएस 216, केएसजी खान स्टडी 682, श्रीराम आइएएस की ओर से 200 यानि कि कुल मिलाकर 3500 से भी ज्यादा है। और इतने आंकड़ों के अनुसार ये पूरी तरह से भ्रमित करने वाला डाटा है।

हालांकि जमशेदपुर समेत आस पास के इलाके में भी ऐसे कई संस्थान है जो कि आईएएस बनाने का दावा करते है। लेकिन इसमें कितना सच है यह जांच का विषय है।

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