देश का सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक उत्थान संविधान से ही संभव है – डॉ. सुखचंद्र झा

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संवैधानिक मूल्यों को लेकर निकली यात्रा आज संविधान दिवस पर एलबीएसएम कॉलेज में पहुंची घुमंतू पुस्तकालय लेकर.

जमशेदपुर :  संविधान दिवस के अवसर पर आज 26 नवंबर को घुमंतू पुस्तकालय यात्रा के छठे दिन लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल महाविद्यालय, करणडीह (जमशेदपुर) में पुस्तकों का स्टॉल लगा, जहां सुबह दस बजे से ही कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने विभिन्न पुस्तकों का अवलोकन एवं अध्ययन किया और विषय वस्तु से संबंधित चर्चा में भाग लिया।

इस अवसर पर विशेष रूप से कॉलेज के वर्चुअल रूम में संविधान दिवस पर आयोजन विशेष व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें जाने माने शिक्षाविद, समाजसेवी और लेखक डॉ. सुखचन्द्र झा ने स्वाधीनता आंदोलन से लेकर देश की आज़ादी एवं संविधान लागू होने तक के सफ़र के बारे में व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि संविधान देश के नागरिकों के तमाम अधिकारों की रक्षा करता है, अतः इसके मूल्यों की गहरी समझ सभी को होनी चाहिए। देश का सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक उत्थान संविधान से ही संभव है।

हेट स्पीच पर अंकुश ज़रूरी –अंकुर शास्वत

समारोह में आरंभ युवा मंच के अंकुर शास्वत ने कहा कि देश में कुछ अरसे से हेट स्पीच बढ़ गई है, जिसके कारण सांप्रदायिक माहौल खराब होने लगा है। इस पर नियंत्रण की महती आवश्यकता है।

कॉलेज परिसर में संविधान को मानने के संकल्प पट पर छात्र छात्राओं और प्राध्यापकों ने हस्ताक्षर किए। 

इस अवसर पर संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ किया गया और राष्ट्रगान के साथ सभा का समापन हुआ। इस अवसर पर कॉलेज को संविधान की उद्देशिका (फ्रेम सहित) भेंट स्वरूप दी गई।

आज इस अवसर पर कॉलेज के प्रो. बिनोद कुमार, डॉ. विजय प्रकाश, डॉ. पी के गुप्ता, प्रो. नोद कुमार, प्रो. ऋतू, चंदन जायसवाल, अनिमेष बख्शी, (फैकल्टी) समेत अन्य कर्मी और अनेकानेक छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

कॉलेज परिसर में वरिष्ठ पत्रकार और वैज्ञानिक चेतना के संयोजक डी.एन.एस. आनंद और वरिष्ठ रंगकर्मी जीतराय हांसदा भी जुड़े और उत्साहवर्धन किया।

इस घुमंतू पुस्तकालय यात्रा के सफल संचालन में मुख्य रूप से विकाश कुमार, अंकुर शास्वत, प्रियांक प्रभात, शशांक शेखर और प्रदीप रजक का उल्लेखनीय योगदान रहा।

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