कार्तिक पूर्णिमा पर आज लगेगा चंद्र ग्रहण, चंद्र ग्रहण पर करें ये उपाय
Chandra Grahan 2022: आठ नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इसलिए बड़ी संख्या में लोग गंगा स्नान और दान के लिए नदी तटों पर पहुंचते हैं। इसी दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है, लेकिन इस साल कार्तिक पूर्णिमा पर 8 नवंबर को साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लग रहा है।
वर्ष 2022 का दूसरा चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022 मंगलवार को लगेगा यानि आज जो सांय 17:28 बजे से 19:26 बजे तक रहेगा। पूर्वोत्तर के राज्यो में ही पूर्ण चन्द्रग्रहण दिखाई देगा देश के शेष भागो में आंशिक चन्द्रग्रहण ही दिखाई देगा। मंगलवार, 8 नवम्बर 2022 कार्तिक पूर्णिमा के दिन चन्द्रग्रहण का सूतक प्रातः 8/28 से प्रारम्भ होना है। चन्द्रग्रहण सायं 5/28 से 6/18 बजे लगेगा। प्रातः 8/28 से ग्रहण की सूतक पर्व काल शाम को 7/18 बजे तक रहेगी इसलिये कार्तिक माह की कथाओं और यज्ञ अनुष्ठानों का समापन भोग सोमवार 8 नवम्बर 2022 को प्रातः 8/28 से पूर्व होगा। कार्तिक पूर्णिमा व्रत प्रदोष काल व्यापिनी पूर्णिमा को 7 नवम्बर को होगा, पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ 16/19 पर होगा। कार्तिक स्नान और चन्द्र ग्रहण के का तीर्थ दर्शन और स्नान ग्रहण काल में 8 नवम्बर को होगा। पंडित गणेश शर्मा स्वर्ण पदक ज्योतिषाचार के अनुसार इस ग्रहण का राशि अनुसार फल इस प्रकार होगा। मेष=आघात वृष=व्यय मिथुन =लाभ कर्क= सम्मान सिंह=प्रतिष्ठा कन्या= हानि तुला=कष्ट वृश्चिक =तनाव धनु= धन लाभ मकर=सुख कुंभ=अपव्यय मीन=अपयश
ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। इससे किसी भी प्रकार के पूजन पाठ या धार्मिक कार्य पर रोक होती है। ऐसे में लोगों के बीच देव दीपावली मनाने पर संशय है। पंडित सुधांशु तिवारी आधत्मिक धर्म गुरू के अनुसार सूतक काल में किसी भी प्रकार के पूजा पाठ, देव दर्शन या स्पर्श पर रोक होती है, जिस कारण देव दीपावली इस बार 7 नवंबर को मनाई जाएगी।
चन्द्र ग्रहण का समय
चंद्रग्रहण शाम 5.32 बजे शुरू होगा, जो शाम 6.19 बजे खत्म हो जाएगा। सूतक काल सुबह 8.10 बजे शुरू होगा, जो शाम 6.19 बजे समाप्त होगा। सूतक काल शुरू होने के बाद मंदिरों में दर्शन पर रोक रहेगी। सूतक शुरू होते ही मंदिरों के पट बंद कर दिए जाएंगे। सूतक काल की समाप्ति के बाद मंदिरों के पट खोले जाएंगे और देव स्नान और सफाई के बाद पूजा-अर्चना होगी और श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए मंदिरों के पट खोल दिए जाएंगे।
भारत के इस शहर में सबसे पहले दिखेगा चंद्र ग्रहण, जानें टाइमिंग और सूतक काल के नियम
08 नवंबर को लगने वाला साल का अंतिम चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा. भारत में ये चंद्र ग्रहण सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में सबसे पहले दिखाई देगा. भारत में पूर्व दिशा के शहरों में ये चंद्र ग्रहण चंद्रोदय के साथ ही दिखने लगेगा. चूंकि ये चंद्र ग्रहण भारत में दृश्यमान होगा, इसलिए यहां सूतक काल के नियम भी लागू होंगे.
सूर्य ग्रहण के बाद अब 08 नवंबर को चंद्र ग्रहण लगने वाला है. ये साल का अंतिम चंद्र ग्रहण है, जो भारत में भी दिखाई देगा. भारत में ये चंद्र ग्रहण सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में दिखाई देगा. भारत में पूर्व दिशा के शहरों में ये चंद्र ग्रहण चंद्रोदय के साथ ही दिखने लगेगा. चूंकि ये चंद्र ग्रहण भारत में दृश्यमान होगा, इसलिए यहां सूतक काल के नियम भी लागू होंगे. चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है.
कितना महत्वपूर्ण होगा चंद्र ग्रहण
यह साल का अंतिम चंद्र व पूर्ण चंद्रग्रहण है. चंद्र ग्रहण मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लग रहा है. वैसे तो ये ग्रहण दोपहर को 01 बजकर 32 मिनट से लगेगा, लेकिन भारत में ये चंद्र ग्रहण शाम 5.20 पर दिखना शुरू होगा और इसका समापन शाम 6.20 पर होगा. इसका सूतक 08 नवम्बर को सुबह 09 बजकर 21 मिनट पर लग जाएगा.
कहां-कहां दिखेगा पूर्ण चंद्र ग्रहण?
ये चंद्र ग्रहण ग्रहण उत्तरी पूर्वी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और हिन्द महासागर में दर्शनीय होगा. भारत में पूर्ण ग्रहण केवल पूर्वी भागों में दिखाई देगा, जबकि आंशिक ग्रहण भारत के अधिकांश हिस्सों में दृश्यमान होगा. कोलकाता, पटना, सिलीगुड़ी, ईटानगर, रांची और गुवाहाटी में पूर्ण चन्द्रग्रहण के दर्शन होंगे.
ग्रहण काल के दौरान सावधानियां
चंद्र दर्शन के हिसाब से शाम 05 बजकर 20 मिनट से शाम 06 बजकर 20 मिनट तक वास्तविक ग्रहण काल है. इस काल में प्रयास करें कि आप कोई आहार ग्रहण न करें. इस दौरान पूजा पाठ वर्जित है. गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से सावधानी बरतें. भगवान की मूर्तियों की स्पर्श न करें. ग्रहण काल के समाप्त हो जाने के बाद सम्भव हो तो स्नान कर लें या हाथ पैर धोकर कुछ न कुछ चन्द्रमा की वस्तुओं का दान करें. चावल, चीनी, दूध, नारियल और चांदी का दान शुभ होगा.
भारत के प्रमुख नगरों में चन्द्रोदय का समय जो कि ग्रहण का समय भी माना जाएगा जो निम्नलिखित है –
प्रयागराज सायं – 05:14 मि.
काशी सायं – 05:10 मि.
भोपाल सायं – 05:36 मि.
बैंगलोर सायं – 05:50 मि.
चेन्नई सायं – 05:39 मि.
कोलकाता सायं – 04:52 मि. (मोक्ष दिखाई देगा )
दिल्ली सायं – 05:29 मि.
मुंबई सायं – 06:01 मि.
देहरादून सायं – 05:22 मि.
हरिद्वार सायं – 05:21 मि.
हैदराबाद सायं – 05:44 मि.
जम्मू-कश्मीर सायं – 05:31 मि.
लखनऊ सायं – 05:16 मि.
नासिक सायं – 05:56 मि.
पटना सायं – 05:01 मि. (मोक्ष दिखेगा )
गया सायं – 05:03 मि. (मोक्ष दिखेगा )
पुणे सायं – 05:58 मि.
उड़ीसा सायं – 05:07 मि. (मोक्ष दिखेगा)
रायपुर सायं – 05:22 मि.
रांची सायं – 05:03 मि. (मोक्ष दिखेगा )
उज्जैन सायं – 05:43 मि.
बड़ोदरा सायं – 05:54 मि.
अहमदाबाद सायं – 05:56 मि.
भावनगर सायं – 05:59 मि.
सायं काल – 05:10 मि. से लेकर इसके बाद के चन्द्रोदय वाले स्थानों में ग्रहण का मोक्ष सायं – 06:19 मि. पर ही होगा जबकि जहां का चन्द्रोदय सायं – 05:10 मि. से पहले का है वहां ग्रहण का मोक्ष क्रमशः और पहले हो जाएगा
चंद्रग्रहण के बाद क्या करें
चंद्रग्रहण के बाद पूजा स्थान की साफ-सफाई करें. पूजा स्थान पर गंगाजल का छिड़काव करें. स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें. इसके बाद अपने गुरु या शिव जी की उपासना करें. फिर किसी निर्धन व्यक्ति को सफ़ेद वस्तु का दान करें.
चंद्र ग्रहण के परिणाम शुभ ना हों तो
यदि चंद्र ग्रहण में अशुभ परिणाम मिल रहे हैं तो ग्रहण काल में अधिक से अधिक शिव मंत्र का जाप करें. चाहें तो चन्द्रमा के मंत्र का जाप भी कर सकते हैं. इससे मंत्र सिद्ध होगा और ज्यादा प्रभावशाली भी. ग्रहण के बाद सफेद वस्तु का दान करें.
अविवाहित लोगों के रिश्ते आएंगे. चंद्र ग्रहण के बाद आप पशु-पक्षियों के लिए दाना पानी की व्यवस्था करें.
चंद्र ग्रहण पर करें ये उपाय
चंद्र ग्रहण के दौरान इन उपायों को करने से किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं होगा. सभी राशियों के जातक को प्राप्त होगी सुख समृद्धि और उनके जीवन से मानसिक तनाव दूर होगा. जानते हैं उपाय-
1- सूतक काल में घर के अंदर दरवाजे और खिड़की पर पर्दे लगाकर ढ़क दें.
2- ग्रहण के दौरान अनावश्यक बोलने से बचे.भगवान का ध्यान, जाप और अपने इष्टदेव के मंत्रों का जप करें, ताकि काफी हद तक इसके प्रभाव को शांत किया जा सके.
3- चंद्र मंत्र, भोलेनाथ शिव एवं गायत्री मंत्र के जाप करना सर्वश्रेष्ठ रहेगा.लेकिन देव प्रतिमा, मूर्तियों को स्पर्श ना करें.
4- सूतक काल से पहले बना खाना हो तो उसमें तुलसी के पत्ते डालकर रख दें.
5- गर्भवती महिलाएं घर से नहीं निकले.वहीं सुई, कैची वस्तुओं का उपयोग भी ना करें.
6- ग्रहण खत्म होने के पश्चात स्नानादि करके नए वस्त्र धारण करें.अपने पितृों को याद करें, दान करें, गरीबों को श्रद्धानुसार भोजन करवाएं.
7- सूतक काल समाप्त होने के बाद मंदिर की साफ सफाई करें.गंगाजल को पूरे घर और मंदिर में छिटके और पूजा करें.