देश के सबसे बड़ा बिजनेस ग्रुप, टाटा संस के दोबारा चेयरमैन बनाए गए, एन चंद्रशेखरन

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मुबई :  एन चंद्रशेखरन को टाटा संस का दोबारा चेयरमैन बनाया गया है. टाटा ट्रस्ट के बोर्ड और इसके चेयरमैन रतन टाटा ने मीटिंग में यह फैसला किया. यह मीटिंग कंपनी के मुख्यालय बॉम्बे हाउस में हुई. टाटा संस के बोर्ड ने पिछले पांच साल का एन चंद्रशेखरन के कार्यकाल की समीक्षा की. रतन टाटा इस मीटिंग में स्पेशल इनवाइटी थे. उन्होंने चंद्रा के कार्यकाल में प्रोग्रेस और प्रदर्शन को संतोषजनक बताया.

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टाटा संस के चेयरमैन का पद काफी महत्वपूर्ण पद है. वे पहली बार 2017 में टाटा संस के चेयरमैन बने थे और इसी 20 फरवरी को उनके कार्यकाल का अंतिम दिन था. अब उनका कार्यकाल 2027 तक होगा. कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बोर्ड के सदस्यों ने एन चंद्रशेखरन को फिर से नियुक्ति के लिए हरी झंडी दी.

एन चंद्रशेखरन को 2017 में तब चेयरमैन बनाया गया, जब सायरस मिस्त्री को जबरन हटा दिया गया था. तब चंद्रा TCS में थे. लीडरशिप के संकट से गुजर रहे ग्रुप को चंद्रा 5 सालों में बेहतरीन प्रदर्शन कर आगे ले गए हैँ. उनको इस ग्रुप में 34 सालों का लंबा अनुभव है. 1988 में IIM कोलकाता से MBA करने के बाद वे ग्रुप में जुड़े थे.

पहली बार वे टीसीएस में ट्रेनी के रूप में काम किए. वे इस समूह का चेयरमैन बनने वाले पहले नॉन फैमिली सदस्य थे. 53 साल के चंद्रा 1987 में TCS में गए और 2009 में वे इसके CEO बने. TCS देश की सबसे बड़ी कंपनी है.

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टाटा ग्रुप, देश का सबसे बड़ा बिजनेस ग्रुप है. इसमें 29 लिस्टेड कंपनियां हैं. यह नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक के सेक्टर में कार्यरत है. इसकी कुल लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 25 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है. इसमें IT कंपनी टाटा कंसल्टेंसी (TCS) 14 लाख करोड़ रुपए के साथ सबसे बड़ी है.

टाटा संस के चेयरमैन का पद काफी महत्वपूर्ण है. वह इसलिए क्योंकि वह टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों का भी प्रमुख होता है. नटराजन चंद्रशेखरन का जन्म तमिलनाडु में मोहानूर गांव में एक किसान परिवार में हुआ था. वे छह बच्चों में से एक थे. चंद्रशेखरन के पिता एक वकील थे, लेकिन उनके दादा की मौत के बाद उनके पिता को परिवार का खेत देखना पड़ा. बचनपन में चंद्रशेखरन और उनके भाई रोजाना तीन किलोमीटर पैदल चलकर अपने तमिल मीडियम के सरकारी स्कूल में पढ़ने जाते थे. अपनी सीनियर सेकेंडरी की परीक्षा के लिए, उन्होंने अंग्रेजी मीडियम के स्कूल में दाखिला ले लिया. 10वीं कक्षा को पास करने के बाद, वे आगे पढ़ाई के लिए Trichy चले गए. उसके बाद कोयम्बटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अप्लायड साइंसेज में BSc डिग्री ली.

मई 2018 में उनके नेतृत्व में टाटा स्टील ने भूषण स्टील को 35,200 करोड़ रुपए में खरीदा. यह कॉर्पोरेट में तब तक का सबसे बड़ा सौदा था. उनका सबसे बड़ा काम 2021 अक्टूबर में हुआ, जब सरकारी एयरलाइंस कंपनी एअर इंडिया की डील भी टाटा ग्रुप ने पूरी की. 69 साल के बाद एअर इंडिया टाटा ग्रुप के पास वापस आई, जिससे ग्रुप के पास 3 एयरलाइंस कंपनियां हो गई हैं. पिछले साल उन्होंने बिग बास्केट को 9,500 करोड़ रुपए में खरीदा, जिससे रिलायंस रिटेल, अमेजन और फ्लिपकार्ट को टक्कर मिलेगी.

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