“हाशिए पर रही” पूर्वोत्तर क्षेत्र की महिलाओं का भारत के सशक्तीकरण में अहम योगदान
जमशेदपुर (संवाददाता ):-आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में गोलमुरी स्थित ए.बी.एम.महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा आयोजित ” समाज के सशक्तिकरण में अनुसूचित जाति -जनजातीय महिलाओं का योगदान: वैश्विक परिदृश्य में” के द्वितीय एवं तृतीय तकनिकी सत्र का समापन हुआ ।द्वितीय एवं तृतीय तकनिकी सत्र का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या सह आयोजन सचिव डॉ. मुदिता चंद्रा ने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया, साथ ही देश के पूर्व यशस्वी प्रधानमंत्री पंडित लाल बहादुर शास्त्री को भी नमन किया |द्वितीय तकनीकी सत्र की अध्यक्षता सिक्किम से जुडी प्रो० चुकी भूटिया ने किया | उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में आदिवासी समाज, संस्कृति तथा भाषा की अस्मिता पर मंडराते संकट की और संकेत करते हुए उसे बचाने की बात कही, साथ ही पूर्वोतर प्रान्तों के साहित्यकारों और उनकी रचनाओं का अत्यंत सारगर्भित विवेचन किया है | कार्यक्रम से जुडी विशेषज्ञ समिति के सदस्य सह DBMS कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन की प्राचार्या डॉ० जूही समर्पिता ने अपने उत्साहवर्धक वक्तव्य से प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया, साथ ही उन्होंने विशेष रूप से उन अनुसूचित जाति – जनजाति की महिलाओं के योगदान को रेखांकित करते हुए शोध विषय के रूप में अपनाने का परामर्श दिया, जिन्होंने सीमित संसाधनों में भी सामाजिक उत्थान में योगदान दिया | द्वितीय तकनीकी सत्र में डॉ० देवेन्द्र सिंह ठाकुर, डॉ० भारती कुमारी, डॉ० ज्योति ढोले, डॉ० पार्वती मुंडू, श्रीमती प्रतिभा, सबिता पॉल, अर्चना कुमारी, सुनीता गुडिया, नाफिसा खातून, शेख मसूद, लक्ष्मी कुमारी, और अवध बिहारी पुरान, ने अपने शोध आलेख का वाचन किया|मंच का संचालन हिन्दी विभाग की सहायक प्राध्यापिका लक्ष्मी कुमारी ने किया |
जबकि कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन ए.बी.एम.महाविद्यालय के राजनीतशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ० राजेन्द्र भारती ने किया ।
तृतीय तकनिकी सत्र की अध्यक्षता अरुणाचल प्रदेश की मर्जुम लोयी ने की | इन्होने अपने अध्यक्षीय भाषण में अंतरराष्ट्रीय अंतरविषयी सम्मेलन के शोध विषय को प्रासंगिक बताते हुए सभी प्रतिभागियों के शोध आलेख के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा की एवं प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया | पूर्वोत्तर क्षेत्र में रहने वाली अनुसूचित जाति – जनजाति महिलाओं की स्थिति और उनके योगदान पर विशेष रूप से प्रकाश डाला |
विशेषज्ञ समिति के सम्मानित सदस्य सह संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ० तपेश्वर पाण्डेय ने अपने वक्तव्य में शोधार्थियों को उत्कृष्ट शोध पत्र लेखन हेतु महत्वपूर्ण सुझाव दिए, जो अनुकरणीय है |
दिनांक 03/10/2021 को पूर्वाहन 11:30 बजे त्रिदिवसीय तीन दिवसीय ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय अंतर्विषयी सम्मेलन का समापन सत्र का आयोजन होगा, जिसमे मुख्य अतिथि श्री अर्जुन मुंडा , माननीय केन्द्रीय मंत्री जनजातीय मंत्रालय, भारत सरकार और संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रो0 इला प्रसाद विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे |मर्जुम लोयी की अध्यक्षता में डॉ० पुष्पा कुमारी, डॉ० रविन्द्र कुमार चौधरी, डॉ० अदिति विश्वास, डॉ० मनिला कुमारी, श्रीमती मीरा मुंडा, अरुणा कुमारी, हीरालाल गुप्ता,शोभा देवी, ज्योति कुमारी, प्रिया सिंह, भवेश कुमार, निशा कोनगाड़ी, ने अपने शोध आलेख का वाचन किया |मंच का संचालन हिन्दी विभाग की सहायक प्राध्यापिका सबिता पॉल ने किया | जबकि कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन ए.बी.एम.महाविद्यालय केओडिया के विभागाध्यक्ष डॉ० बी० बी० भुईया ने किया ।समाज के सशक्तीकरण में अनुसूचित जाति – जनजातीय महिलाओं का योगदान : वैश्विक परिदृश्य में ।