विधायक सरयू राय ने झारखंड के मुख्य सचिव को विस्तार से बताया, जमशेदपुर की जीवनरेखा स्वर्णरेखा खरकाई का कौन कर रहा अंतिक्रमण।
जमशेदपुर:- हाल के दिनों में लगातार तीन-चार दिन बारिश होने से ही तटवर्ती इलाकों में रहने वालों की नींद हराम हो जाती है। ऐसी बारिश आजकल जाड़े और गर्मी के मौसम में भी हो रही है, जिससे जमशेदपुर की जीवनरेखा कही जाने वाली स्वर्णरेखा व खरकई नदी का दृश्य भयावह हो जाता है।
जमशेदपुर पूर्वी के विधायक व झारखंड सरकार के पूर्व खाद्य आपूर्ति व संसदीय विकास मंत्री सरयू राय ने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को पूरी बात विस्तार से बताई है। उन्होंने बताया है कि जमशेदपुर से होकर गुजरने वाली स्वर्णरेखा व खरकई नदियों के समीपवर्ती शहरी इलाकों के बड़े भूभाग में बरसात के समय बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में घुस जाता है, जिससे ये इलाके जलमग्न हो जाते हैं। मानगो नगर निगम, जमशेदपुर अक्षेस, जुगसलाई नगर परिषद, कपाली अक्षेस, आदित्यपुर नगर निगम समेत कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में बेतरतीब निर्माण और नदी तटों का अतिक्रमण होने से यह समस्या दिन-प्रतिदिन जटिल होती जा रही है।
स्लुइस गेट ही बन गए आफत
स्वर्णरेखा व खरकई नदी पर बने शहरी नालों के स्लुइस गेट शहर को बाढ़ से बचाने के लिए बनाए गए थे। नदी का पानी बढ़ने पर इसे बंद कर दिया जाता था, ताकि नदी का पानी नालों से होकर रिहायशी इलाकों में नहीं घुसे, लेकिन अब यही आफत बन गया है। स्लुइस गेट के मुहाने पर कचरों का अंबार जमा हो रहा है। इसका कचरा निस्तारित या हटाने के लिए समुचित प्रबंधन करने एवं इसके लिए ठोस योजना बनाने की आवश्यकता है। क्योंकि शहरी क्षेत्र के नालों से बहने वाले प्लास्टिक एवं कचरा के कारण स्लुइस गेट बंद नहीं हो पाते हैं और नदी का पानी नालों के माध्यम से उल्टी दिशा पकड़कर शहर के निचले इलाके में पसरने लगता है।
खरकई व स्वर्णरेखा नदी में औद्योगिक कचरा के साथ घरेलू सीवरेज को सीधे नदी में डालने और औद्योगिक क्षेत्रों के ठोस अपशिष्टों को नालों के द्वारा नदी में प्रवाहित करने के कारण नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है। इसका पेयजल संरचनाओं की क्षमता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
मानगो व आदित्यपुर इलाकों में कई आवासीय एवं व्यवसायिक परिसर विकसित हो रहे हैं, जिनका नक्शा शहरी निकायों द्वारा नदी पर पड़ सकने वाले इसके प्रभाव का अध्ययन किए बगैर निर्गत कर दिया जाता है। इससे कई विसंगतियां उत्पन्न हो रही हैं। इसलिए जरूरत है कि इस समस्या से संबंधित सरकार के सभी विभाग एवं संस्थान समस्या के नियंत्रण एवं समाधान के लिए साझा निर्णय लें। इसके लिए सरकार के स्तर से समन्वय बनाने की आवश्यकता है।
मानगो पुल से आदित्यपुर टाॅल ब्रिज के बीच टुकड़ों-टुकड़ों में जुस्को, नगर निकायों तथा सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना द्वारा तटबंध सुरक्षात्मक कार्य के साथ स्लुइस गेट का निर्माण कराया जा रहा है। संपूर्ण क्षेत्र की एक समग्र योजना तैयार करने की जरूरत है, जिसमें अतिक्रमण मुक्त फ्लड प्रोन एरिया मैपिंग तथा उक्त क्षेत्र में बननेवाले भवनों की स्वीकृति शर्तों के निर्धारण में नदी संरक्षण का दृष्टिकोण भी शामिल किया जाए तथा जो सिस्टम बने, उसके संचालन से संबंधित गाइडलाइन का निर्धारण किया जाए। सबसे जरूरी है कि इन नियमों का अनुपालन भी सुनिश्चित किया जाए।