कोरोना की दूसरी लहर में भारत की विकास दर -7.3 % पर गिरावट दर्ज

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नई दिल्ली (एजेसी): कोरोना महामारी ने भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को बुरी तरह भारी नुकसान हुआ है. वित्‍तीय वर्ष 2021 में भारत की विकास दर -7.3% रही जो पिछले चार दशक से अधिक समय में यह सबसे खराब प्रदर्शन है.सरकार द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था 2020-21 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान 1.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जबकि पूरे वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी में 7.3 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. हालांकि, जनवरी-मार्च 2021 के दौरान वृद्धि दर इससे पिछली तिमाही अक्टूबर-दिसंबर 2020 के 0.5 प्रतिशत वृद्धि के मुकाबले बेहतर थी. हालांकि, जनवरी-मार्च 2021 के दौरान वृद्धि दर इससे पिछली तिमाही अक्तूबर-दिसंबर 2020 के 0.5 फीसदी वृद्धि के मुकाबले बेहतर थी.

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राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2019-20 में जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तीन फीसदी की वृद्धि हुई थी.

गौरतलब है कि वित्‍त वर्ष 2019-20 में चार प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी जो 11 वर्ष के लिहाज से सबके कम थी. अर्थव्‍यवस्‍था के लिहाज  यह खराब प्रदर्शन मैन्‍युफेक्‍चरिंग और कंस्‍ट्रक्‍शन सेक्‍टर के संकुचन के कारण था. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा वित्त वर्ष 2020-21 की जीडीपी ग्रोथ रेट का यह आंकड़ा जारी किया गया है. इससे पता चलता है कि 1980-81 के बाद पहली बार जीडीपी ऋणात्मक रहते हुए सिकुड़ गई है. मुख्य रूप से राजस्व कम होने से राजकोषीय घाटा बढ़ा है.

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