लॉकडाउन में प्रशासन की निष्क्रियता से मनमाना भाड़ा वसूल रहे वाहन चालक,आक्रोशित यात्रियों ने की भाड़ा निर्धारित करने की मांग

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बिक्रमगंज/रोहतास (संवाददाता ):- जिले के परिवहन विभाग की उदासीनता एवं स्थानीय प्रशासन की बढ़ती निष्क्रियता के कारण यात्रियों से मनमाना भाड़ा वसूल रहे आटोरिक्शा बस चालक।सासाराम जाने के लिए लॉकडाउन का हवाला देकर बस जहां यात्रियों से 80 रुपया ले रहे है तो वही नोखा के लिए 40 रुपया।जबकि आटोरिक्शा सासाराम के लिए 100 रु वही नोखा के लिए 50 रुपया जबरन भाड़ा यात्रियों से वसूल कर रहे है।वही लाचार व विवस यात्री ज्ञातव्य स्थान तक पहुचने के लिए आहत में दोगुना भाड़ा भुगतान कर पहुच भी रहे है।छोटे हो या बड़े वाहन चालक सरकार के गाइडलाइन व निर्देशों का बेख़ौफ़ व खुलेआम अनदेखी कर सड़को पर वाहन चला रहे है।जबकि दो सीट पर एक यात्री बैठाने का निर्देश है लेकिन ऐसा देखने को मिल नही रहा है।वाहन चालक दो या तीन सीट पर उतना ही यात्री बैठा रहे है जितने का सीट निर्धारित है।यहां तक कि अत्यधिक पैसा कमाने के चक्कर मे सीट खाली नही रहने के उपरांत भेड़ बकरियों की तरह वाहनों में ठूस कर यात्रियों को खड़ा ही यात्रा करा रहे है।वाहन चालको का कहना है कि सरकार व प्रशासन का नियमक़ानून सिर्फ कागजी फरमान होता है जो बेअसर है।यहां हमलोगों का अपना नियम कानून चलता है।यात्रियों को जबर्दस्ती नही बैठाया जाता।जिनको चलना होता है वह लॉकडाउन में बढ़े किराया का भूगतान कर ही चलना पड़ेगा।बढ़े भाड़ा में कोई गिरावट नही होगी।हालांकि भाड़ा बढ़ोतरी का सरकार या जिला प्रशासन का कोई आदेश नही है और न ही भाड़ा बढ़ोतरी से सबंधित कोई कागजात इन चालको के पास है।वावजूद स्थानीय प्रशासन की उदासीनता व जिला परिवहन विभाग की निष्क्रियता के वजह से वाहन चालक ज्ञातव्य स्थान तक पहुचने वाले यात्रियों से मनमानी भाड़ा वसूल कर रहे है।जिससे यात्रियों में आक्रोश ब्याप्त होता जा रहा है। भाड़ा में बढ़ोतरी को लेकर यात्रियों व चालको में नोकझोंक व मारपीट की नौबत नित दिन कही न कही देखने मिल जा रहा है। लोगो का मानना है कि वगैर लावलश्कर के स्थानीय प्रशासन या परिवहन विभाग की टीम आम यात्री बनकर वाहनों की जांच करे तो सबकुछ साफ हो जायेगी और यात्री इन चालको के हाथों दिन दहाड़े लूट का शिकार होने से बच भी जाएंगे।आक्रोशित यात्रियों ने तत्काल इस पर अंकुश लगाने तथा प्रत्येक किलोमीटर की दर से छोटे बड़े वाहनों का भाड़ा निर्धारित करने  की मांग प्रशासन से कर रहे है।

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