संयमित दिनचर्या,सही खान पान एवं योगासन से करें अपने फेफड़ा को मजबूत:- रवि पांडेय

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सासाराम :- कोरोना काल मे प्रत्येक दिन नित नए कोरोना के स्ट्रेन मिल रहे हैं। जिसमे देखने को मिल रहा है कि ये आंख,नाक मूँह के माध्यम से गले से होते हुए फेफड़ा तक पहुंच कर लोगों का जीवन को खतरा पैदा कर रहा है।इस दौरान हम अपने शरीर एवं फेफड़ों को सही खान पान एवं योगासन के माध्यम से स्वस्थ एवं मजबूत रख सकते हैं। रवि भूषण पांडेय शारीरिक शिक्षा शिक्षक सह एन सी सी पदाधिकारी ने कहा कि
स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मष्तिष्क निवास करता है। आप कितने स्वस्थ हैं, यह पूरी तरह से आपके रोगप्रतिरोधक क्षमता और फेफड़ों की मजबूती पर निर्भर करता है।
अगर आपके फेफड़े यही तरीके से काम नहीं करेंगे, तो निमोनिया, अस्थमा एवं टीबी जैसी कई खतरनाक बीमारियां भी आपको हो सकती हैं।
विभिन्न शोधों से पता चला है कि कोरोना वायरस से जल्दी और बेहतर बचाव के लिए भी आपके फेफड़े को बिल्कुल मजबूत होने चाहिए, क्योंकि यह वायरस सीधे फेफड़ों में अटैक करता है। आपके फेफड़े सही प्रकार से काम कर रहा है कि नही,इसे जानने के लिए हमें दो सामान्य क्रिया करना चाहिए।
सासों को रोकें,
अपनी सांसों को धीरे-धीरे अंदर की ओर खींचते हुए 15-20 मिनट तक रोंके. फिर धीरे-धीरे छोड़ें. अगर आप 20 सेकेंड या उससे ज्यादा समय तक अपने सांस रोकते हैं, तो इसका मतलब कि आपका फेफड़ें अच्छा कार्य कर रहा है। अगर आप ऐसा नहीं कर पा रहे, तो यह आपके लिये चेतावनी है।

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पांच मिनट टहलना

रोजाना सुबह-शाम पांच से दस मिनट तक हरी घास या बालू पर टहलें। ऑक्सीमीटर पर अपने ऑक्सीजन स्तर की जांच करें। अगर सामान्य अवस्था में यह 97-99 और चलने के बाद 93+ है, तब तो ठीक।अगर इससे कम है, तो आपको चिंता करने की जरूरत है.
कुछ सामान्य क्रियाओं के जरिये आप अपने फेफड़ों की कार्यप्रणाली को मजबूत बनाये रख सकते हैं।पेट के बल एवं बाएं करवट सोने की अभ्यास या कोशिश करें,इससे आपके फेफड़े को अधिक मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है
अनुलोम-विलोम
समतल भूमि पर मैट डाल कर पद्मासन या अर्धपद्मासन में बैठ जाएं। अपनी पीठ को बिल्कुल सीधा रखें. अब दायें हाथ के अगूंठे से दायीं नासिका छिद्र को बंद करके बायीं ओर से सांस खींचें. फिर मध्यमा ऊंगली से बायीं नाक के छिद्र को बंद करके दायीं ओर से सांस को धीरे-धीरे छोड़ें. पुन: बायें नाक को बंद करके दायीं नाक से यही क्रिया दुहराएं. दोनों नासिका छिद्रों से 8-10 बार यह क्रिया करें।इससे फेफड़ों का ऑक्सीजन स्तर बढ़ता है।
गाय आसन
किसी समतल जगह पर चटाई बिछा कर घुटनों और हाथों के बल बैठें. दोनों हाथों और पैरों के बीच एक-डेढ़ फीट की दूरी रखें. गर्दन को उठाते हुए ऊपर की ओर देखें. 10-15 सेकेंड बाद वापस आरंभिक मुद्रा में आ जाएं. रोजाना यह योगासन पांच मिनट करें.
योगासन एवं व्यायाम के अलावा अपने आहार पर भी ध्यान देना चाहिए।

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रात में सोने से पहले दूध में हल्दी एवं गुड़ मिलाकर नियमित सेवन करें।
हल्दी एंटी-बॉयोटिक्स का काम करती है एवं गुड़ पाचन में।
सुबह दूध के साथ च्यवनप्राश लेने से आपके फेफड़े मजबूत होंगे और आपकी रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
चाय बनाते वक्त उसमें अदरक,लौंग, दालचीनी,अजवाइन,और तुलसी की कुछ पत्तियां डाल दें।इससे भी आपके फेफड़ों को मजबूती मिलेगी।
अपने भोजन में कच्चा लहसुन और अदरक अवश्य रूप में शामिल करें। लहसुन में एलिसिन नामक एक यौगिक होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीबायोटिक एजेंट के रूप में कार्य करता है और हमारे फेफड़ों को छिपाने वाले श्वसन संक्रमण से निपटने में मदद करता है। दूसरी ओर, अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो श्वसन पथ से विषाक्त पदार्थों को हटाने में मदद करता है।
हम सभी को चाहिये कि इस विषम परिस्थितियों में एक दूसरे का सहयोग करें।
संयमित दिनचर्या अपनाये।तले भुने,या अधिक तेल मशाले के सेवन से बचें। फल,ताजी हरी सब्जी को अपने आहार में शामिल करें।अपने शरीर विशेषकर फेफड़ों पर विशेष ध्यान दें ।

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