कोरोना से जिंदगी की जंग हार गये पटना के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ प्रभात कुमार , पूरा बिहार में शोक की लहर

Advertisements
Advertisements
Advertisements

पटना :- बिहार के मशहूर चिकित्सक डॉ प्रभात कुमार आखिरकार जिंदगी की जंग हार गये. डॉ कुमार बिहार में कार्डियोलॉजी के सबसे बड़े नाम थे. उन्हें बिहार में एंजियोप्लास्टी का जनक माना जाता था. मंगलवार शाम उन्होंने हैदराबाद के एक हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली. उनके निधन की खबर से पूरे बिहार में शोक की लहर है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है. बता दें कि डॉ. प्रभात पटना के मेडिका हार्ट इंस्टीट्यूट के मेडिकल डायरेक्टर थे. 1997 में पोस्ट ग्रेजुएशन और इसके बाद डीएम कार्डियोलॉजी करने के बाद उन्होंने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में सेवा दी. बाद में वह जन्मभूमि की पुकार पर पटना आ गये. वह बीते एक मई को कोरोना संक्रमित हुए थे. फेफड़े का संक्रमण बढ़ने पर उन्हें पटना के एक हॉस्पिटल में  एक्मो मशीन के सपोर्ट पर रखा गया. हालत में सुधार न होने पर उन्हें 10 मई को एयर एंबुलेंस से हैदराबाद के उस निजी अस्पताल में भेजा गया था जहां फेफड़े प्रत्यारोपण की व्यवस्था थी. वहां उनकी हालत में सुधार देख कर डॉक्टरों को आशा थी कि जल्द ही फेफड़े प्रत्यारोपण कर उन्हें पूर्ण रूप से स्वस्थ कर दिया जाएगा, लेकिन खून में संक्रमण का रोग सेप्टीसीमिया होने से मल्टी ऑर्गन फेल्योर ने आखिरकार उनकी जान ले ली.

Advertisements
Advertisements

शारदा सिन्हा ने कहा, लिखते हुए हाथ कांप रहे हैं

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा ने फेसबुक में उनके बारे में लिखा- “हृदय कमज़ोर सा पड़ गया है, ये लिखते हुए हाथ भी कांपते हैं और बेचैनी से जैसे सांसे अटक सी जा रही हैं. पर हां ये सच है कि हमारे प्रिय डॉक्टर प्रभात कुमार मौत से एक लंबे संघर्ष के बाद अब हमारे बीच नहीं रहे. ज़्यादा कुछ लिखने की ताकत नहीं है.

See also  मैराथन दौड़ में बिहार के रोहतास जिले की बेटी ने प्रथम स्थान प्राप्त कर लहराया परचम

अपने परिजन को खोने के एहसास से भी ज़्यादा एक महान व्यक्तित्व को खोने की भावना से दिल बोझिल है और हृदय पर एक आघात है. प्रभु ये प्रलय खत्म करें या पृथ्वी ही ख़त्म कर दें.”

पटना के डॉ विनय कुमार ने लिखा है- “ऐसी बुरी ख़बर जिसका तआल्लुक समाज के बहुत बड़े हिस्से से हो, साझा करने का साहस नहीं होता. हमने प्रभात को खो दिया. बिहार का एक ऐसा कार्डियोलॉजिस्ट जिस पर पूरे समाज का भरोसा था। करुणा, सेवा और निष्ठा का संगम था वह. मेरे लिए तो अनुजवत और पड़ोसी भी. भाई, तुम्हारा जाना बहुत सारे लोगों के सहारे का जाना है ! जब तुझे पुकारता था -प्रभात भाई और तुम बोल उठते थे – हां जी सर ! अब यह ‘हां’ न में बदल गया है. विश्वास नहीं होता कि जीवन से भरी तुम्हारी आवाज़ अब नहीं सुन पाऊँगा.”

डॉ प्रभात के निधन के बाद पुरे बिहार में शोक की लहर दौड़ गयी है .