world psoriasis day:क्या है सोराइसिस! कैसे हो जाती है ये गंभीर बीमारी! क्या है बचाव के उपाय,जानिए डॉ. राजू कुमार से (चर्मरोग विशेषज्ञ)

0
Advertisements

जमशेदपुर: 29 अक्टूबर विश्व सोरायसिस दिवस (world psoriasis day) है। यह सोरायसिस के बारे में जागरूकता फैलने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिवस सोरायसिस संबंधी कई भ्रांतियों को दूर करने में मदद करता है। इस बीमारी के बारे में पर्याप्त जानकारी हमें प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने में मदद कर सकता है।

Advertisements

क्या है सोराइसिस

लगभग 25 मिलियन भारतीयों को प्रभावित करने वाला, सोरायसिस एक क्रोनिक, ऑटोइम्यून स्थिति है, जो त्वचा को प्रभावित करती है। सोरायसिस त्वचा में सूजन, लालिमा और खुजली पैदा करता है। यदि इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह

यह आपकी स्किन में होने वाली एक टाइप की बीमारी है। जिसमें स्किन में एक मोटी परत जम जाती है। जो कि लाल रंग में खुदरे रुप में उभर कर आती है। मुख्य रुप से शुरुआत में ये बीमारी सिर के बालों के पीछे, हाथ-पैर, तलवों, कोहनी, घुटनों औप पीठ में अधिक होती है। इस बीमारी के कारण सबसे ज्यादा खतरा हार्टअटैक, डायबिटीज का होता है। जो कि कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकता है।

इस वजह से होती है सोरायसिस

सोरायसिस के मरीजों में त्‍वचा कोशिकाएं काफ़ी तेज़ी से बढ़ती हैं. आमतौर पर हमारे शरीर में त्वचा की नई कोशिकाएं हर 10 से 30 दिनों में बनती हैं, जो पुरानी कोशिकाओं को बदल देती हैं. सोरायसिस में स्किन के नए सेल्स हर 3-4 दिन में काफ़ी तेजी से बनते हैं. इससे शरीर को पुरानी कोशिकाएं छोड़ने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता. स्किन की ऊपरी परत पर पपड़ी बन जाती है. वह छिल जाती है. त्वचा रूखी हो जाती है. सफ़ेद धब्बे पड़ जाते हैं. खुजली के कारण त्‍वचा लाल हो जाती है और उसमें घाव बन जाते हैं

ये हैं लक्षण
 
• लाल रंग की पपड़िया जमी हो जाती है।
• ड्राई, फटी हुई स्किन
• स्किन में खुजली और जलन होना।
• स्किन स्कल्प में खून की बूंदे दिखना।
• शरीर में लाल-लाल धब्बे और चकत्ते हो जाते हैं।
• घाव सूखे होते हैं; हथेलियों और तलवों पर अत्यधिक सूखापन फटी त्वचा और खून बहने का कारण बन सकते हैं

सोराइसिस रोग से ऐसे करें बचाव

See also  जुबली पार्क में एसडीओ ने की चाय का सैंपल लेकर भेजा जांच में


• स्किन पर खरोंच न पड़ने दें।
• ढीले कपड़े पहने। जिससे कि हवा लगें और स्किन में कसाव न हो।
• अधिक से अधिक मॉश्चराइजर का यूज करें। सर्दियों के मौसम में इस बात का
• एल्कोहॉल का सेवन न ही करें, तो आपके लिए बेहतर होगा।
• कोशिश करें कि कम से कम धूप के संपर्क में आएं।
• स्ट्रेस कम से कम लें। इसके लिए आप योग का सहारा ले सकते है।

आपकी मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित कर सकता है सोरायसिस

शरीर ही नहीं, मन की सेहत से प्रभावित होती है इससे
शरीर पर जगह-जगह लाल रंग के धब्बे और घाव दिखने तथा खुजली होने के साथ सोरायसिस के मरीज पर तनाव और चिंता का बोझ सवार होता है. नैशनल सोरायसिस फ़ाउंडेशन के मेंटल हेल्थ अंक में बताया गया  कि सोरायसिस के मरीज अक्सर परेशान रहते हैं. वह अपने में ही उलझे रहते हैं. यह रोग मरीजों को अपने परिवार और दोस्तों से सामान्य रिश्ते बनाए रखने से दूर करता है.
सोरायसिस का संबंध प्रत्यक्ष रूप से कई तनाव संबंधी गड़बड़ियों से जोड़ा गया है, जैसे किसी व्यक्ति के साथ कोई हादसा हो गया है, उसके कारण उसे वह बहुत ज़्यादा तनाव झेलना पड़ रहा हो. महिलाओं में इस तरह के काफ़ी मामले सामने आते हैं, जिसमें वह सोरायसिस से पीड़ित होकर मानसिक तनाव की शिकार बन जाती हैं.


सोरायसिस रोग का उपचार


इनमें सामयिक उपचार (त्‍वचा पर क्रीम और ऑइंटमेंट लगाना), फोटोथेरेपी (लाइट थेरेपी), ओरल सिस्‍टेमिक ट्रीटमेंट्स (नॉन-स्‍टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्‍स) और उन्‍नत उपचार विकल्‍प, जैसे बायोलॉजिक्‍स शामिल होते हैं। बायोलॉजिक्‍स जीवित कोशिकाओं से बनी और इंजेक्‍शन या आईवी इंफ्युजन द्वारा दी जाने वाली दवाओं की एक नई श्रेणी है।

See also  आदित्यपुर : शिव काली मंदिर स्थापना दिवस समारोह का आज अंतिम दिन, हजारों श्रद्धालुओं में बटेंगे महाभोग

Thanks for your Feedback!

You may have missed