बाल विवाह को लेकर जिला बाल संरक्षण इकाई के कार्यशाला का हुआ समापन
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जमशेदपुर : जिला बाल संरक्षण इकाई एवं आदर्श सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन होटल बुलेवर्ड बिष्टुपुर में बाल विवाह के मुद्दे पर किया गया। इस कार्यशाला में जिला के 09 कस्तूरबा बालिका विद्यालय के 70 शिक्षकों ने भाग लिया। कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को बाल विवाह के प्रति जागरूक व संवेदनशील करते हुए बाल विवाह मुक्त समाज निर्माण हेतु पहल करना।
कार्यक्रम में अतिथि स्वरूप में डीएसपी एचक्यू 2 कमल किशोर, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी डॉ.चंचल कुमारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सवप्रथम आदर्श सेवा संस्थान के सचिव प्रभा जयसवाल द्वारा सभी का स्वागत करते हुए दो दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य बताया गया उसके उपरान्त डीसीपीओ डॉ.चंचल कुमारी द्वारा यह बताया गया कि बाल विवाह का परिणाम काफी भयावह होता है इसलिए इसे रोकने हेतु हम सभी को अपना अपना जिम्मेदारी निभाना है। कानून को लागू करवाना भी इसमें शामिल है। बाल अधिकार को सुनि्चित करना भी इसके तहत आता है। विशेष किशोर पुलिस इकाई के पदाधिकारी कमल किशोर ने कहा कि बाल विवाह रोकने में पुलिस की जो जिम्मेदारी है हम उसे निभाएंगे तथा हमारा पूर्ण सहयोग इसमें रहेगा। आदर्श सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. निर्मला शुक्ला ने सामाजिक परिपेक्ष्य में शिक्षा की महत्व क्या है इसपर अपना विचार रखते हुए कहा कि इसमें शिक्षको का अहम भूमिका है।
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कार्यशाला में स्त्रोत व्यक्ति स्वरूप बचपन बचाओ आंदोलन के साथी श्याम सुंदर मल्लिक उपस्थित रहें। उन्होंने दोनों दिन शिक्षकों को बाल विवाह के तमाम परिपेक्ष्ययों को विस्तार पूर्वक बताया गया। समूह चर्चा कर बाल विवाह का कारण, परिणाम, समाज की जिम्मेदारी कानूनी प्रावधान पर विस्तारपूर्वक जानकारी दिया गया। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों को विस्तार से बताया गया।
आगे कार्यक्रम में प्रत्येक कस्तूरबा में जागरूक कार्यशाला आयोजन किया जाएगा। चाइल्ड लाइन के टोल फ्री नम्बर में कॉल करके बाल विवाह की जानकारी देने पर चाइल्ड लाइन संबंधित विभाग के साथ मिल कर बाल विवाह को रोकने की कोशिश करता है, तथा बच्चे के इस सामाजिक कुरीति से बचने में मदद करता है।
डॉ. निर्मला शुक्ला द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। कर्यक्रम को सफल बनाने में लखी दास, एम अरविंदा, एल एन तिवारी, उषा महतो, रीना दत्ता का अहम भूमिका रही।
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