पश्चिम बंगाल में क्यों छिनी गई 26 हजार शिक्षकों की नौकरियां? जानें पूरा मामला…



लोक आलोक डेस्क/पश्चिम बंगाल :- पश्चिम बंगाल में 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नौकरियां सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रद्द कर दी गईं। यह कार्रवाई 2016 में राज्य स्कूल सेवा आयोग (SSC) द्वारा की गई भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और भ्रष्टाचार पाए जाने के कारण हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया को “छेड़छाड़ और धोखाधड़ी से दूषित” बताया। इस परीक्षा में 23 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था, जबकि केवल 24,640 पदों के लिए भर्तियां होनी थीं। जांच में पाया गया कि बड़ी संख्या में अयोग्य लोगों को गलत तरीके से नियुक्त किया गया, जिससे योग्य उम्मीदवारों के अधिकारों का हनन हुआ। कोर्ट ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता और योग्यता के सिद्धांतों के खिलाफ थी। इस फैसले के बाद राज्य में हड़कंप मच गया है और प्रभावित अभ्यर्थी सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन बर्खास्त शिक्षकों से मुलाकात कर उन्हें भरोसा दिलाया है कि सरकार उनकी गरिमा बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। वहीं विपक्षी दलों ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है और पूरे मामले की CBI जांच की मांग की है।


