दाएं हाथ को क्यों कहा जाता है शुभ..पूजा-पाठ और खाना क्यों माना जाता है शुभ? जानें…

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लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क :- मान्यता है कि दाएं हाथ में सूर्य नाड़ी का प्रतिनिधित्व होता है. इसलिए दाएं हाथ से खाना खाने से भोजन जल्दी पचता है और शरीर को पूरा पोषण और ऊर्जा मिलती है. वहीं बाएं हाथ से खाए गए खाने से शरीर को पूरा पोषण नहीं मिलता इसलिए हिन्दू धर्म में दाएं हाथ से खाना खाने को शुभ माना गया है.

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अक्सर हमने अपने बड़े बुजुर्गों या माता-पिता से सुना है कि खाना सीधे हाथ से खाना चाहिए. हिन्दू धर्म में उल्टे हाथ से खाना खाना या पूजा पाठ करना अशुभ माना जाता. हिन्दू धर्म में मान्यता है कि दाएं हाथ में सकारात्मक ऊर्जा होती है. इसलिए खाना और अन्य शुभ कार्य दाएं हाथ से ही करने चाहिए. एक अन्य मान्यता यह भी है कि दाएं हाथ में सूर्य नाड़ी का प्रतिनिधित्व होता है. इसलिए दाएं हाथ से खाना खाने से भोजन जल्दी पचता है, और शरीर को पूरा पोषण और ऊर्जा मिलती है. वहीं बाएं हाथ से खाए गए खाने में शरीर को पूरा पोषण नहीं मिलता इसलिए हिन्दू धर्म में दाएं हाथ से खाना खाने को शुभ माना गया है.

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि पूरी दुनिआ में सिर्फ 10 फीसदी लोग ही बाएं हाथ का प्रयोग करते हैं. हर 10 के मुकाबले सिर्फ एक आदमी ही बाएं हाथ का इस्तेमाल करता है. वैज्ञानिक शोधों से पता चला है कि हमारा पूरा शरीर अपने आप एक खास तरीके का संतुलन इस्तेमाल करता है. जैसे हम बाए हाथ से फ़ोन उठाते है और दाएं कान पर लगा कर सुनते है. इससे पता चलता है कि हमारा दिमाग हमें जिस तरह से आसानी होती है, उस तरह से शरीर के अंगों को संतुलित करता है.

धार्मिक मान्यता

मान्यता है कि दाएं हाथ से भोजन करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है. हिंदू धर्म में सीधे हाथ से खाने या फिर पूजा करने पर जोर इसलिए दिया जाता है क्योंकि कहा जाता है कि जब हम कोई शुभ कार्य करते है तो सीधे हाथ के इस्तेमाल से हमें सकारत्मक प्रभाव दिखाई देता है.

सामाजिक मिथ पर विज्ञान

हमारे समाज में एक मिथक बहुत प्रचलित है कि दाएं हाथ से काम करने वाले बाएं हाथ से काम करने वालों की तुलना में ज्यादा लम्बा जीवन जीते हैं. मगर यह पूरी तरह से गलत है. वैज्ञानिकों द्वारा शोध में कहा गया कि यदि ऐसा होता तो यह किसी इंसान की उम्र तय करने का सबसे बड़ा पैमाना होता. वैज्ञानिको ने कहा कि पूर्व स्टडी में कुछ मृत लोगों की सूची बनाई गई थी, जिसमें लेफ्ट हैंडर्स की औसत उम्र 9 साल कम थी.

इसी आधार पर यह मिथक चलता आ रहा है. शोध बताता है कि बाएं हाथ का इस्तेमाल करने वाले लोग, दाएं हाथ का इस्तेमाल करने वाले लोगों से ज्यादा समझदार और रचनात्मक होते है और उनका सोचने और जीवन जीने का तरीका भी औरों की अपेक्षा अलग होता है. यहां फिर एक सवाल उठता है कि यदि ऐसा है तो बाएं हाथ का इस्तेमाल करने वाले लोगों की तादाद इतनी काम क्यों है? ये आज भी एक पहेली बनी हुई है और लगातार इस पर अलग अलग शोध होते रहते हैं.

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