क्या है 2024 योग दिवस का थीम जाने पूरा इतिहास, बढ़ रही है लोगों के बीच योग के लिए जागरूकता…
लोक आलोक न्यूज सेंट्रल डेस्क:- रोग मुक्त जीवन जीने की चाहत है तो नियमित योगाभ्यास की आदत डालें। घर के बड़े हों या बच्चे सभी को अपने दिन की शुरुआत योग के साथ करनी चाहिए। 21 जून को विश्व योग दिवस पर पूरी दुनिया योग के साथ जाग रही है। इस दिन योग के महत्व को पूरी दुनिया में फैलाने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी से लेकर सीएम योगी और देश-विदेश की बड़ी हस्तियां, सभी योगाभ्यास कर रहे हैं। योग सिर्फ व्यायाम नहीं है बल्कि साधना है जिससे तन, मन और दिमाग को स्वस्थ रखा जा सकता है।
हजारों साल से भारत में लोग योग और साधना करते आ रहे हैं। योग की उत्पत्ति भारत से हुई और आज पूरी दुनिया योग के महत्व को स्वीकार कर रही है। हालांकि पिछले कुछ सालों में योग को लेकर लोगों का रुझान काफी ज्यादा बढ़ा है। योग शारीरिक व्यायाम से कहीं आगे है। इसमें मानसिक और आध्यात्मिक पहलुओं को शामिल किया जाता है और समग्र कल्याण की भावना को आगे बढ़ाया जाता है।
इंटरनेशनल योग डे 2024 की थीम
योग दिवस का आयोजन हर साल किसी खास थीम को ध्यान में रखते हुए ही किया जाता है। इस साल यानि विश्व योग दिवस 2024 की थीम खुद के लिए और समाज के लिए योग रखी गई है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 की खास थीम ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ रखी गई है। यानि खुद को स्वस्थ रखो और एक स्वस्थ समाज के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ो।
विश्व योग दिवस का क्या है इतिहास
पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 में मनाया गया था। लाखों लोगों ने दुनियाभर में एक साथ योगाभ्यास किया था। प्रधानमंत्री मोदी भी दिल्ली के राजपथ पर हुए योग कार्यक्रम में शामिल हुए थे। 27 सितंबर 2014 को पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार कर लिया था। और हर साल दुनियाभर में 21 जून को योग दिवस मनाने की घोषणा की थी।
21 जून को क्यों मनाते हैं योग दिवस
आखिर 21 जून की तारीख को ही योग दिवस के लिए क्यों चुना गया है। इसके पीछे की एक खास वजह है। 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन माना जाता है। जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं। ये दिन उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन होता है। इसके बाद सूर्य दक्षिणायन में प्रवेश करता है। इस दिन को योग और अध्यात्म के लिए बेहद खास माना जाता है। यही कारण है कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।