केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने डॉलर के मुकाबले गिरते भारतीय रुपए पर दिया बयान तो सोशल मीडिया पर यूजर्स करने लगे ऐसे कमेंट्स
दिल्ली : डॉलर के मुकाबले गिरते भारतीय रुपए को लेकर विपक्ष नरेंद्र मोदी सरकार पर लगातार हमला बोल रहा है। इसी विषय पर पूछे सवाल के जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा कि रुपए में कोई गिरावट नहीं आ रही है, अन्य देशों के मुकाबले भारतीय रुपए में गिरावट नहीं दर्ज की गई। जिस पर सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें ट्रोल करने लगे। और तरह तरह के कमेंट्स करने लगे। पढ़िए युजर्स ने कैसे दिया जवाब।
वित्त मंत्री ने यह कहा था
गिरते रुपए पर पूछे सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा था कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और केंद्र सरकार दोनों स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। वित्त मंत्री ने दावा किया कि भारतीय रुपए दूसरे देशों की करेंसी की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत की करेंसी जो उतार-चढ़ाव देखने को मिल रही है, वो डॉलर के मूवमेंट के चलते हो रही रही है।
यूजर्स ने ऐसे ऐसे दिए कमेंट्स
उमर खान नाम के ट्विटर यूजर द्वारा लिखा गया कि संसद में भी इलेक्शन रैलियों की तरह धड़ाधड़ झूठ बोला जा रहा। मुस्तफा नाम के एक यूजर ने कमेंट किया – वाह क्या बात है, पहले वित्त मंत्री जी प्याज और लहसुन नहीं खाती थी और अब डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर नहीं है, ये बता रही हैं। सही बात है कहां 1 डॉलर बराबर 80 रुपया। इससे ज्यादा क्या मजबूत होगा। मिनी नाम के ट्विटर यूजर द्वारा लिखा गया, ‘निर्मला सीतारमण जी आप बिल्कुल सही कह रही हैं, 1 डॉलर के बराबर तो हमारा 80 रुपया है तो फिर कमजोर कहां से हुआ।
गणेश नाम के ट्विटर यूजर ने चुटकी लेते हुए कमेंट किया कि अब तो मोदी जी को थैंक्यू बोलना बनता है। कुलदीप नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘ये लॉजिक 2014 से पहले लगा लिया होता।’ अनुभव शुक्ला नाम की ट्विटर यूजर कमेंट करते हैं कि अरे मैडम को फिर 2014 के पहले नरेंद्र मोदी गिरते रुपए को लेकर इतना हंगामा क्यों करते थे? उमेश नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘हमको लगता है कि वित्त मंत्री जी रुपए की तुलना नेपाल की करेंसी से कर रही हैं।
राज्यसभा में कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने बयानों का जिक्र करते हुए सवाल किया था कि रुपए का मूल्य कब बढ़ेगा? जिसके जवाब में निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री की टिप्पणियों का कारण यह था कि भारत में लगातार 22 महीनों तक मुद्रास्फीति दहाई अंकों में थी और भारत एक नाजुक अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया था।