टाटा स्टील कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी (CSR) के तहत, कोल्ड रॉलिंग मिल जेडीसी द्वारा JRD साहेब के जन्मदिन मनाने के लिए सिदगोड़ा स्थित मस्ती की पाठशाला पहुंचा।

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जमशेदपुर: मस्ती की पाठशाला-एक छोटा विवरण जमशेदपुर, किसी भी शहरी समूह के रूप में, अदृश्य बच्चों, वंचित और बेघर, अस्वस्थ, सम्मानजनक और खतरनाक व्यवसायों जैसे कचरा बीनने, स्लैग-पिकिंग, भीख माँगने, रेलवे प्लेटफार्मों और ट्रेनों में काम करने आदि में लगे हुए हैं। . ये बच्चे सड़कों पर या झोंपड़ियों में जीवित रहते हैं। उनमें से बहुत से बिना परिवार के हैं। यह जीवन उन्हें ड्रग्स, छोटे-मोटे अपराध और अनैतिक यौन व्यवहार की ओर ले जाता है।
टाटा स्टील फाउंडेशन ने इस सामाजिक मुद्दे को हल करने के लिए 2016 में “मस्ती की पाठशाला” कार्यक्रम की अवधारणा की और शुरुआत की। मस्ती की पाठशाला त्रिस्तरीय रणनीति के माध्यम से अपने उद्देश्यों को पूरा करती है, सबसे पहले आवासीय ब्रिजिंग (आरबीसी) सेटअप में बेघर बच्चों के साथ काम करना और दूसरा गैर-आवासीय ब्रिजिंग (NRBC) सेटअप में शहर की चुनिंदा मलिन बस्तियों में ड्रॉप आउट और कभी नामांकित बच्चों के साथ काम करना। ये केंद्र समुदाय में ही स्थापित किए जाते हैं ताकि लोगों को शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूक किया जा सके और इस प्रकार बाल श्रम या स्कूल से बाहर बच्चे को बस्ती में एक गैर-परक्राम्य मानदंड बनाया जा सके। 8-14 वर्ष की आयु के बच्चों को आरबीसी और एनआरबीसी दोनों में संबोधित किया जाता है।
इस कार्यक्रम के तहत वंहा के बच्चों के साथ साधारण ज्ञान प्रतियोगिता किया गया एवं साथ में उनका नृत्य एवं संगीत प्रतिभा का प्रदर्शन देखने को मिला।

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अंत मे सीआरएम जेडीसी के द्वारा उनका हॉस्टल में किताब एवं बैग रखने केलिय स्टील रैक , नास्ता, मिठाई आदि वितरण किया गया। यह कार्यक्रम में सीआरएम जेडीसी सदस्यों में हेड आपरेशन के.सी. झा,मैनेजर अमर पाणिग्रही, एचआर मैनेजर डिंपल, सीआरएम जेडीसी चेयरमैन अश्वनी मथान, यूनियन कमेटी मेंबर अशोक गुप्ता,सूरज कुमार, दिनेश्वर कुमार,गुलाब यादव,संदीप बेहेरा,सीआरएम कर्मी सत्या, कुशा रेड्डी,गुरजीत संधू,संजय सामंता,अर्बन सर्विसेस से सुमन एवं अन्य साथी उपस्तित थे।

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