MGM अस्पताल में एक साथ हो रही थी दो बड़ी सर्जरी प्राइवेट नर्सिंग होम में ही 60 से 70 हजार की डिमांड
जमशेदपुर:- महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सर्जरी विभाग के चिकित्सकों की मेहनत रंग लाई है और एक गंभीर मरीज की जान बचा ली गई।मरीज गंभीर अवस्था में भर्ती हुई थी। लेकिन, चिकित्सकों ने अपनी सूझबूझ व अत्याधुनिक सुविधाओं की वजह से उसे बेहतर चिकित्सा दी। अब मरीज के साथ परिजन भी डाॅक्टरों का शुक्रिया अदा कर रहे हैं। एमजीएम अस्पताल कोल्हान का सबसे बडा सरकारी अस्पताल है। इसकी चर्चा बदहाली के लिए ही ज्यादा होती है। ताजा खबर नेकनामी देने वाली है।
दरअसल, जुगसलाई निवासी स्वीटी देवी दर्द से तड़प रही थी। इसके बाद उसे एक नजदीकी चिकित्सक के पास ले जाया गया तो तत्काल उन्होंने भर्ती करने की सलाह दी।
मरीज के स्वजन के पास उतना पैसा नहीं था। इसे देखते हुए मरीज को एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां पर चिकित्सकों ने जांच की तो पता चला कि मरीज को एक साथ दो बीमारी है। इसमें मरीज के गॉल ब्लैडर में पथरी व एपेंडिक्स की शिकायत थी। इसे देखने हुए मरीज की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करने का निर्णय लिया गया। इस मशीन के माध्यम से दोनों सर्जरी एक साथ सफल हुई। अब मरीज स्वस्थ हो चुकी हैं। उसे अस्पताल से छुट्टी कर दी गई है।
टीम काम करती है तो परिणाम अच्छा ही होता हैः डाक्टर अरुण
एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार ने सर्जरी करने वाले चिकित्सकों की टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि जहां टीम काम करती है उसका परिणाम अच्छा ही होता है। अस्पताल में जटिल से जटिल सर्जरी हो सकती है। हमारे पास विशेषज्ञ चिकित्सक भी हैं और संसाधन भी। सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. दिवाकर हांसदा के नेतृत्व में टीम बेहतर प्रयास कर रही है।वहीं, मरीज को डॉ. योगेश के यूनिट में भर्ती किया गया था। जबकि मरीज की सर्जरी डॉ. सरवर आलम, डॉ. शंभू प्रसाद गुप्ता व डॉ. इस्टामाउल ने की।
पैसा के अभाव में नहीं करा पा रहा था इलाज
मरीज ने बताया कि उसके पेट में बीते कई वर्षों से दर्द हो रहा था। जब-जब दर्द होता तो वह चिकित्सक को दिखाती और दवा खा लेती। इससे राहत मिल जाती थी। उससे पूर्व एक निजी चिकित्सक ने सर्जरी करने की सलाह दी थी। दोनों सर्जरी पर 60 से 70 हजार रुपये खर्च बताया गया था, जो स्वजन देने में असमर्थ थे। इसी दौरान एक सप्ताह पूर्व मरीज को तेज दर्द हुआ। इसके बाद उसे एमजीएम में भर्ती कराया गया और मुफ्त में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी हुई।
हर बुधवार को होता डॉ. आलम का ओपीडी
आपरेशन करनेवाली डाॅक्टरों की टीम। सर्जरी करने वाले चिकित्सक डॉ. सरवर आलम ने बताया कि अगर किसी मरीज को किसी तरह की सर्जरी करानी है, तो वे ओपीडी में आकर दिखा सकते हैं। डॉ. सरवर आलम का ओपीडी हर बुधवार को होता है। एमजीएम में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी बिल्कुल मुफ्त में होती है। एेसे में मरीजों को इसका लाभ उठाने की आवश्कता है।